सार
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर वैदिक रीति-रिवाज से कार्यक्रम की शुरूआत हो गई है। यह इवेंट 22 जनवरी तक चलेगा और पीएम मोदी के हाथों मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा।
Ram Mandir Pran Pratishtha. अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान होने वाले राम लला हथकरघा पर बुने गए रेशमी धागे से तैयार वस्त्र पहनेंगे। भगवान राम के लिए यह कपड़ा बनाने में 12,36,700 भक्तों ने मेहनत की है। पिछले साल पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हथकरघे पर इस वस्त्र की बुनाई की गई थी। इसे रेशम के दो-दो धागों से तैयार किया गया है। राम लला का वस्त्र तैयार करने में छोटे बच्चों से लेकर 100 साल की उम्र तक के लोगों ने योगदान दिया है।
चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से तैयार हुआ वस्त्र
पुणे के हेरिटेज हैंडवीविंग रिवाइवल चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से यह वस्त्र तैयार कराया गया है। कुल 8 जोड़ी कपड़े तैयार करके यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दिए गए। लखनऊ के सीएम आवास पर दो धागे-श्रीराम के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी और मार्गदर्शक सुरेश जोशी भैयाजी मौजूद रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में अब कभी कर्फ्यू नहीं लगेगा बल्कि राम नाम का कीर्तन किया जाएगा। राम भक्तों पर गोलियां नहीं चलाई जाएंगी बल्कि लड्डू के गोले मिलेंगे। सीएम ने कहा अब कोई पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी यात्राओं को रोकने की हिम्मत नहीं दिखा सकता है।
किसने तैयार की राम लला की मूर्ति
अयोध्या में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि दूसरे सभी मूर्तियों में से अरूण योगीराज की मूर्ति का चयन किया गया है। यह मूर्ति तैयार करने मे करीब 150-200 किलो पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मूर्ति भगवान राम के 5 वर्ष की अवस्था को दर्शाने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस राम लला की पूजा पिछले 70 वर्षों से की जा रही है, उन्हें भी गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को संपन्न होगा और 16 जनवरी से कार्यक्रम की शुरूआत हो जाएगी।
यह भी पढ़ें