सार

भारत में पिछले 24 घंटे में 2.97 लाख केस सामने आए। इसी बीच बुधवार को देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने कोरोना से जुड़ी अहम जानकारी दी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ देवी शेट्टी और मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन शामिल हुए। इस दौरान डॉक्टर्स ने कहा कि मडेसिविर रामबाण नहीं। जिन लोगों को इसकी जरूरत है, उनमें यह वायरल लोड को कम करता है। 

नई दिल्ली. भारत में पिछले 24 घंटे में 2.97 लाख केस सामने आए। इसी बीच बुधवार को देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने कोरोना से जुड़ी अहम जानकारी दी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ देवी शेट्टी और मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन शामिल हुए। इस दौरान डॉक्टर्स ने कहा कि मडेसिविर रामबाण नहीं। जिन लोगों को इसकी जरूरत है, उनमें यह वायरल लोड को कम करता है। 

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश ने कहा, रेमडेसिविर रामबाण नहीं है। यह लोगों में वायरल लोड को कम करता है। वहीं, उन्होंने कहा, जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, वे सुरक्षा के तौर पर इसका इस्तेमाल ना करें। ऐसे में ऑक्सीजन की बर्बादी होगी और जिसे जरूरत है, उसे नहीं मिल पाएगी। 

कोरोना रिपोर्ट आने के बाद क्या करें?
डॉ नरेश त्रेहन ने बताया कि कोरोना के लक्षण दिखने पर खुद को तुरंत आईसोलेट करें। इसके साथ ही तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तुरंत अस्पताल की ओर ना भागें। मध्यम लक्षण की स्थिति में क्वारंटीन सेंटर जा सकते है। अगर ऑक्सीजन लेवल में कमी नजर आ रही है, तो अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। 

लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं- डॉ शेट्टी 
नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी ने कहा, अगर आपको कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो घबराएं नहीं। आप डॉक्टरों से बात करें और जल्द से जल्द कोरोना टेस्ट कराएं। अगर हालत गंभीर नहीं है, तो घर पर इलाज करें। 

उन्होंने कहा, अगर पॉजिटिव आते हैं, तो पैनिक ना करें। कोरोना अब आम है। ऐसे में मास्क हमेशा पहने और ऑक्सीजन लेबल चेक करें। उन्होंने कहा, ऑक्सीजन लेवल 94 से कम होने पर डॉक्टर से बात करें। 

85% लोग बिना स्पेशल ट्रीटमेंट के ठीक हो रहे- गुलेरिया
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, कोरोना के 85% लोग रेमडेसिवीर और अन्य स्पेशल ट्रीटमेंट के बिना ठीक हो रहे हैं। अधिकांस लोगों में सामान्य सर्दी, गले में खराश आदि लक्षण हैं, तो घर पर सामान्य उपचार से 5-7 दिन में सही हो रहे हैं। 

उन्होंने कहा, यह समझना अहम है कि जो घर में आइसोलेट हैं या अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें घबराना नहीं है। बहुत कम लोगों को रेमडेसिवीर की जरूरत पड़ रही है। इसे जादू की गोली ना समझें।