सार

मुख्यमंत्री के काफिले का एक्सीडेंट सड़क की दोहरी पीली लाइन तोड़ने से हुआ। क्या आप जानते हैं सड़क पर बनी अलग-अलग लाइनों का मतलब? सुरक्षित ड्राइविंग के लिए ये जानना जरूरी है।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का काफिला पिछले दिनों एक दुर्घटना का शिकार हो गया था। तिरुवनंतपुरम के वामनपुरम पार्क जंक्शन पर मुख्यमंत्री के एस्कॉर्ट में चल रहे पांच वाहन आपस में टकरा गए थे। वामनपुरम पार्क जंक्शन पर स्कूटर सवार को बचाने की कोशिश में यह हादसा हुआ। स्कूटर सवार एमसी रोड से क्रॉस करके आट्टिंगल की ओर मुड़ रही थी, तभी यह घटना घटी। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया था। इस फुटेज में साफ दिख रहा है कि जहां हादसा हुआ, वहां डिवाइडर जैसी दोहरी पीली लाइन थी। किसी भी सूरत में इस पीली लाइन को पार नहीं करना चाहिए। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री का काफिला पूरी तरह से पीली लाइन को पार करके आगे बढ़ा।

यानी सड़क पर बनी दोहरी पीली लाइन को तोड़ना ही हादसे का मुख्य कारण था। गौरतलब है कि हाल के दिनों में इस तरह के हादसे बढ़ रहे हैं। ऐसे में सड़क पर लगे ट्रैफिक संकेतों के बारे में कुछ बातें जान लेना बेहतर होगा। क्योंकि कई लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तो है, लेकिन उन्हें ट्रैफिक संकेतों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती। हममें से कई लोगों की सुरक्षा की समझ सिर्फ सिग्नल पर लगी लाल, पीली और हरी बत्तियों से शुरू और खत्म हो जाती है। ऐसे में सड़क पर बनी लाइनों के बारे में तो बात ही छोड़ दीजिए। ये लाइनें क्या होती हैं और क्यों बनाई जाती हैं, यह बहुत कम लोग जानते हैं। क्या आपको पता है कि ये लाइनें भी सड़क संकेतों का ही हिस्सा होती हैं? सड़क पर बनी लाइनों का क्या मतलब होता है? सुरक्षित यात्रा के लिए इनके बारे में जानना जरूरी है। हर लाइन में अलग-अलग निर्देश होते हैं। एक अच्छे और जिम्मेदार ड्राइवर बनने के लिए, अपनी और सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों की जान बचाने के लिए, इन लाइनों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

लगातार दोहरी पीली लाइन


सड़क पर बनी लाइनों में यह सबसे सख्त चेतावनी होती है। इसलिए इस लाइन के बारे में सबसे पहले विस्तार से जानते हैं। दोहरी पीली लाइन का मतलब है कि इस लाइन को किसी भी तरफ से पार नहीं किया जा सकता। इसलिए यहां ओवरटेकिंग या यू-टर्न बिल्कुल न करें। लेन भी न बदलें। आमतौर पर यह लाइन खतरनाक दो लेन वाली सड़कों पर देखने को मिलती है, जहां हादसे का खतरा ज्यादा होता है।

लगातार पीली लाइन


सड़क के बीच में बनी लगातार पीली लाइन का मतलब है कि इसे किसी भी हालत में पार नहीं करना चाहिए। यह लाइन आमतौर पर मोड़ और खतरनाक जगहों पर होती है।

टूटी हुई पीली लाइन


टूटी हुई पीली लाइन का मतलब है कि आप आगे वाले वाहन को ओवरटेक कर सकते हैं। लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।

लगातार पीली लाइन के समानांतर टूटी हुई पीली लाइन


यहां सड़क दो तरह की अनुमति देती है। टूटी हुई पीली लाइन वाली तरफ के वाहन ओवरटेक कर सकते हैं। लेकिन लगातार पीली लाइन वाली तरफ के वाहन ओवरटेक नहीं कर सकते।

बाईं ओर लगातार सफेद लाइन


यह लाइन सड़क की सीमा बताती है। रात में सुरक्षित ड्राइविंग में मदद करती है। चौड़ी सड़कों पर यह लाइन किनारे से थोड़ी दूर होती है। इससे पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों के लिए जगह बन जाती है। कम स्पीड वाले दोपहिया वाहन भी इस हिस्से का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बीच में टूटी हुई सफेद लाइन


दो लेन वाली सड़क के बीच में टूटी हुई सफेद लाइन दोनों तरफ के वाहनों को अलग करती है। यह लाइन वाहन को बाईं ओर चलाने में मदद करती है। इस लाइन पर आप सामने से कोई वाहन न आ रहा हो, यह सुनिश्चित करके आगे वाले वाहन को ओवरटेक कर सकते हैं।

चार लेन वाली सड़कों पर भी टूटी हुई लाइनें होती हैं। यहां वाहन को अपनी लेन में ही चलाना चाहिए। यानी लेन ट्रैफिक। तेज रफ्तार वाले वाहन दाईं लेन में और कम स्पीड वाले वाहन बाईं लेन में चलें, यही निर्देश है। लेकिन कई लोग ऐसा नहीं करते। भारी सामान से लदे ट्रक और दोपहिया वाहन दाईं लेन में चलते हुए अक्सर दिख जाते हैं। अगर लेन बदलनी हो, तो पहले पीछे के शीशे में देखकर सुनिश्चित करें कि पीछे कोई वाहन न हो, और इंडिकेटर देकर ही लेन बदलें।

कम दूरी वाली टूटी हुई सफेद लाइन


यह लाइन बताती है कि आगे कोई खतरनाक जगह है। मोड़, चौराहे जैसी जगहों से पहले सड़क के बीच में यह लाइन लगातार बनी होती है। इन लाइनों के बीच की दूरी बहुत कम होती है।

बिना टूटी सफेद लाइन


यह लाइन दोनों तरफ के वाहनों को अलग करती है। वाहन को सड़क के बाईं ओर चलाना चाहिए। इस लाइन को पार करने पर रोक है। ऐसी जगहों पर ओवरटेकिंग से बचें।

लंबी सफेद लाइन


लंबी सफेद लाइन का साफ मतलब है कि लेन न बदलें। किसी भी हालत में अपनी लेन से हटकर गाड़ी न चलाएं। यह निर्देश अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

बिना टूटी दो सफेद लाइनें


इन जगहों पर ओवरटेकिंग बिल्कुल मना है। यह लाइन बताती है कि आगे खतरनाक जगह, चौराहा या मोड़ है।

टूटी हुई लाइन के साथ लंबी लाइन


अगर ड्राइवर के दाईं ओर सड़क पर पहले टूटी हुई लाइन हो और उसके साथ लगातार लंबी लाइन हो, तो ओवरटेकिंग की जा सकती है। लेकिन अगर दाईं ओर लंबी लाइन हो और उसके साथ दूसरी तरफ टूटी हुई लाइन हो, तो ओवरटेक न करें। यानी ऐसी जगहों पर सिर्फ एक तरफ के वाहनों को ही ओवरटेक करने की अनुमति होती है।

टूटी हुई लाइनों के बीच बाएं मुड़ने का निशान


अगर बीच में टूटी हुई लाइनों के बीच बाएं मुड़ने का तीर का निशान हो, तो वाहन को बाईं ओर ले जाएं। यह संकेत देता है कि आगे कोई रोक या खतरा है।

बीच में सीढ़ीनुमा लाइनें


दो लेन वाली सड़क के बीच में सीढ़ीनुमा सफेद लाइनें डिवाइडर की तरह होती हैं। यह खतरनाक जगह होती है। यहां ओवरटेक न करें और न ही सीढ़ीनुमा लाइनों पर गाड़ी चलाएं। ये लाइनें आगे जाकर डिवाइडर में मिल सकती हैं। कभी-कभी ये लाइनें पीले रंग की भी होती हैं। ये और भी ज्यादा खतरे का संकेत देती हैं।

टेढ़ी-मेढ़ी लाइनें


सड़क के किनारे और कभी-कभी बीच में भी टेढ़ी-मेढ़ी सफेद लाइनें (जिग-जैग) बताती हैं कि आगे पैदल चलने वालों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग है। इसलिए स्पीड कम करें और ओवरटेक न करें।

बाईं ओर लगातार पीली लाइन


यहां गाड़ी रोकना या खड़ी करना मना है।

आड़ी छह पीली लाइनें


ये लाइनें स्पीड कम करने का संकेत देती हैं। चौराहों से पहले और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सड़क के आर-पार छह पीली लाइनें बनाई जाती हैं। ये लाइनें स्पीड ब्रेकर का काम करती हैं।

छोटी लाइनों वाली किनारे की सफेद/पीली लाइन


सड़क की सीमा बताने वाली बाईं ओर की सफेद लाइन से शुरू होकर सड़क के बाहर की ओर जाने वाली कई छोटी लाइनें फुटपाथ मानी जाती हैं। ये सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए होती हैं। यहां किसी भी हालत में गाड़ी न चलाएं और न ही खड़ी करें।

पीले चौकोर खाने


सड़क पर बने बड़े पीले खाने और उसके अंदर कई छोटे खाने। ये निशान आमतौर पर व्यस्त चौराहों पर होते हैं, जहां जगह कम होती है और ट्रैफिक ज्यादा होता है। इसे येलो बॉक्स जंक्शन कहते हैं। यहां यू-टर्न लेना मुश्किल होता है। इन खानों में गाड़ी खड़ी नहीं करनी चाहिए। अगर आगे रास्ता साफ हो, तभी इन खानों में गाड़ी डालें। नहीं तो पहले ही रुक जाएं।