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Republic Day: भागवत ने की तिरंगे के तीनों रंगों की गजब व्याख्या, साथ ही देखिए कुछ शानदार फोटोज
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जयपुर(Jaipur). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को भारतीयों से भारत को ज्ञानियों का देश बनाने का आह्वान किया। जयपुर के पास जामडोली में केशव विद्यापीठ में गणतंत्र दिवस समारोह में बोलते हुए भागवत ने राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि लोगों को आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए और इसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम अपनी संप्रभुता के प्रतीक तिरंगे को उत्साह, खुशी और गर्व के साथ फहराते हैं। हमारी मंजिल उस झंडे में ही है। हमें भारत को दुनिया में बड़ा बनाना है।" राष्ट्रीय ध्वज में रंगों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि केसरिया रंग की सबसे ऊपर की पट्टी भारत की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती है, जो शाश्वत जीवन का प्रतीक है। "उगते सूरज के साथ जो रंग आता है, जो निरन्तर कर्म का प्रतीक है, जो मनुष्य को जगाने और कर्म में सक्रिय होने की प्रेरणा देता है, वह केसरिया रंग है। यह ज्ञान, त्याग और परिश्रम का प्रतीक है।" पढ़िए और क्या बोले भागवत...
भागवत ने कहा-"हमारा संकल्प है कि गुलामी की जंजीरों को तोड़कर हम अपने देश को ज्ञानियों का देश, विश्व हित में निरन्तर सक्रिय रहने वाले लोगों का देश बनाएंगे। ये लोग कोई और नहीं, हम भारत के लोगों को ऐसा बनना है।”
उन्होंने कहा कि त्याग और ज्ञान व्यक्ति में रह सकता है, लेकिन इसके लिए किसी दिशा की जरूरत होती है। "दिशा न हो तो ज्ञान घातक होता है, ज्ञान विवाद का कारण बनता है, शक्ति निर्बलों को कष्ट देने का कारण बनती है। इसलिए दिशा होनी चाहिए। इसके लिए तिरंगे में दूसरा रंग सफेद रंग पवित्रता का प्रतीक है।”
भागवत ने कहा-"हमें भीतर और बाहर की पवित्रता से भरना है। जो अंदर से शुद्ध है, वह कभी किसी का बुरा नहीं चाहता, वह हमेशा अच्छा करना चाहता है। उसके दिल में दूसरों के प्रति कोई अलगाव नहीं होता। जो उदार मन से आगे बढ़ते हैं, शुद्ध मन से, पवित्र आचरण करो और सबको अपना समझो। हमें ऐसे ही पवित्र बनना है।''
भागवत ने कहा कि इससे सर्वत्र समृद्धि आएगी, रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी नहीं होगी और पर्यावरण की जो शोभा प्रभावित हो रही है, वह फिर से आ जाएगी और प्रकृति का वर्षा जैसा चक्र सुधर जाएगा। उन्होंने कहा कि हरा रंग समृद्धि और देवी लक्ष्मी का प्रतीक है।
भागवत ने कहा कि इस दिन लोगों को संविधान सभा के पूर्ण विचार के बाद बने संविधान को समर्पित करते हुए संसद में बी आर अंबेडकर द्वारा दिए गए भाषण को पढ़ना चाहिए। भागवत ने कहा-"उन्होंने हमें बताया कि हमारा कर्तव्य क्या है?
भागवत ने कहा-अब देश में कोई गुलामी नहीं है और पारंपरिक गुलामी भी नहीं है। अंग्रेज भी चले गए, लेकिन सामाजिक असमानता के कारण जो गुलामी आई थी, उसे दूर करने का प्रावधान हमारे संविधान में राजनीतिक और आर्थिक समानता का प्रावधान किया गया है।
"बाबा साहेब ने कहा कि हमारा देश इसलिए गुलाम हुआ कि हम आपस में लड़े, किसी दुश्मन की ताकत से नहीं। लोग आपस में लड़ते रहे, इसलिए देश गुलाम हुआ। अगर आजादी और समानता को साथ लाना है तो, तो हमें भाईचारा लाना चाहिए।इसलिए हमारे संविधान में स्वतंत्रता और समानता के साथ बंधुत्व शब्द है।'
उन्होंने कहा, "बाबा साहेब कहते हैं कि पूरे देश में भाईचारा कायम करना है। लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि इस गणतंत्र दिवस से अगले गणतंत्र दिवस तक हम जितनी दूर तक जाएंगे, हमें उस संकल्प को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।" आगे देखिए कुछ तस्वीरें...
बेंगलुरु: यहां के मानेक शॉ परेड ग्राउंड में गुरुवार, 26 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शन करते छात्र।
नई दिल्ली: 74वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारतीय वायुसेना के 3 मिग-29 लड़ाकू विमानों द्वारा नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर बाज फॉर्मेशन।
श्रीनगर: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर गुरुवार, 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
बेंगलुरु: मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप (एमईजी) के कर्मी 74वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान बेंगलुरु में गुरुवार, 26 जनवरी को मानेक शॉ परेड समारोह में 'कलारीपयट्टू' एक मार्शल आर्ट और नृत्य का प्रदर्शन करते हुए।
अगरतला: त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की एक टुकड़ी ने 74वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अगरतला में गुरुवार, 26 जनवरी को मार्च पास्ट किया।
बेंगलुरु: थल सेना सेवा कोर (ASC) की 'टॉरनेडो' टीम 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान बेंगलुरु के मानेक शॉ परेड ग्राउंड में गुरुवार, 26 जनवरी को परफॉर्म करती हुई।
लखनऊ: लखनऊ में विधान भवन के सामने 74वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शन करते छात्र।
बीकानेर: बीकानेर में गुरुवार, 26 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शन करते छात्र।
नई दिल्ली: 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान मार्च पास्ट करती मिस्र की एक सैन्य टुकड़ी।