सार
सद्गुरु आज युवाओं के बीच सबसे चहेते आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं। कई लोग उन्हें ‘न्यू एज गुरु’ या ‘मॉडर्न गुरु’ जैसे नाम से भी संबोधित करते हैं। सद्गुरु का जीवन की गहराईयों को उजागर करने का सरल तरीका कई बार बेहद दिलचस्प होता है।
सद्गुरु आज युवाओं के बीच सबसे चहेते आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं। कई लोग उन्हें ‘न्यू एज गुरु’ या ‘मॉडर्न गुरु’ जैसे नाम से भी संबोधित करते हैं। इसका असल कारण सद्गुरु की जीवन शैली या कोई खास तरह का पहनावा नहीं है बल्कि युवाओं के बीच वह जिस प्रासंगिक और सहज तरीके से जीवन की गुत्थियों पर रोशनी डालते हैं, उसकी वजह से कम ही लोग उनके प्रभाव से अछूते रह पाते हैं।
सद्गुरु का जीवन की गहराईयों को उजागर करने का सरल तरीका कई बार बेहद दिलचस्प होता है। ऐसा ही वाक्या तब हुआ जब एक बातचीत में जीवन में गुरुओं के महत्व पर सद्गुरु से सवाल पूछा गया। सद्गुरु ने गुरुओं को 'जीपीएस' के रूप में परिभाषित करके मौजूद लोगों को भौचक्का कर दिया।
दरअसल सद्गुरु ने एक महिला पत्रकार के साथ इंटरव्यू में भी इस विषय पर दिलचस्प बातचीत की थी। जब उनसे पूछा गया कि अगर आज के समय में गॉड या भगवान की उपस्थिति पर ही प्रश्न उठ रहे हैं तो हमें किसी गुरु या सद्गुरु की क्या जरूरत है?
सद्गुरु ने मुस्कुराते हुए दिलचस्प अंदाज में जवाब देते हुए कहा, 'आप अपने शहर में कार चलाती हैं और उसमें जीपीएस वाले एक डिवाइस के अंदर एक महिला या पुरुष की आवाज होती है। वो कहते हैं-दाएं मुड़ो तो आप मुड़ जाते हैं, वह कहते हैं-बाएं मुड़ो तो आप वैसा करते हैं। रास्ते जाने पहचाने नहीं होते इसलिए आप जीपीएस से गाइडेंस लेते हैं।'
आगे सद्गुरु मॉडर्न शब्दावली को गुरु के महत्व से जोड़ते हुए कहते हैं, 'इसी तरह आध्यात्मिक आयाम की रहस्यमयी राह लोगों के लिए अपरिचित होती है। ऐसे में किसी से निर्देश लेना समझदारी भरा कदम है। इससे चीजें काफी आसान हो जाती हैं।'
इसके बाद हंसते हुए महिला पत्रकार पूछती हैं कि क्या आप गुरुओं को आज के समय का 'जीपीएस' कहना चाहते हैं, तो सद्गुरु अपने जाने पहचाने हाजिरजवाब अंदाज में कहते हैं कि आज ही नहीं प्राचीन समय से ही गुरु जीपीएस की भूमिका में रहे हैं। फिर वह जीपीएस यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के नाम में बदलाव करते हुए मजाकिया अंदाज में कहते हैं, 'जीपीएस का असल मतलब है- गुरु पोजिशनिंग सिस्टम।' ये जवाब सुनकर कार्यक्रम हॉल ठहाकों से गूंज उठता है।
बहरहाल गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सद्गुरु आज अपने यूट्यूब चैनल पर ऑनलाइन सत्संग के माध्यम से साधकों को संबोधित करेंगे। ये सत्संग हिंदी और अंग्रेजी सहित 17 भारतीय और वैश्विक भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा, जिससे हजारों लोगों के जुड़ने की संभावना है।