जनदबाव में कर्नाटक सरकार ने भी पानी छोड़े जाने से इनकार कर दिया है। दिल्ली में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की मीटिंग चल रही है। इन गतिरोधों के बीच सद्गुरू ने दोनों राज्यों के बीच कावेरी के पानी का विवाद पर सलाह दी है।

Cauvery water dispute: कावेरी नदी प्रबंधन प्राधिकरण के तमिलनाडु को 5000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर सुप्रीम कोर्ट से भी सहमति के बाद अब इस पर राजनीति गरमा गई है। कर्नाटक में बीजेपी सहित विभिन्न संगठनों ने पानी छोड़े जाने का विरोध कर बंद का आह्वान किया है। जनदबाव में कर्नाटक सरकार ने भी पानी छोड़े जाने से इनकार कर दिया है। दिल्ली में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की मीटिंग चल रही है। इन गतिरोधों के बीच सद्गुरू ने दोनों राज्यों के बीच कावेरी के पानी का विवाद पर सलाह दी है।

क्या कहा सद्गुरु ने कावेरी नदी जल विवाद पर?

सद्गुरु ने कहा कि मां कावेरी को नहीं पता कि हम किस राज्य से हैं। लेकिन वह गर्मी के महीनों के दौरान पानी की कमी और सूखने से पीड़ित हैं। इसके लिए सभी को मिलकर उपाय करने की आवश्यकता है। बड़े पैमाने पर वृक्ष आधारित कृषि को बढ़ावा देना होगा। कावेरी बेसिन के 83,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वनस्पति उगाना ही एकमात्र तरीका है जिससे कावेरी साल के 12 महीने प्रचुर मात्रा में बहती रहेगी। आइए हम घटते पानी के लिए लड़ने की बजाय मां कावेरी को मजबूत और संवर्धित करें।

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कावेरी जल विवाद पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार आमने-सामने

कावेरी नदी जल विवाद को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कर्नाटक के बीजेपी सांसदों और पीएम मोदी पर चुप्पी का आरोप लगाने पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा राज्य सरकार की जिम्मेदारी सांसदों और भारत सरकार पर डालना उनकी संदिग्ध राजनीति को उजागर करती है। सिद्धारमैया अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और आरोप भारत सरकार पर मढ़ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…