सार

ओडिशा लोक सेवा आयोग द्वारा ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा 2018 का परिणाम घोषित किया गया है। जिसमें तपस्विनी दास ने 161 वां रैंक हासिल किया है। बताया जा रहा कि तपस्विनी दास की आंख की रौशनी बचपन में ही चली गई खआ। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल की। 

भुवनेश्वर. कहते हैं कि जहां चाह है वहां राह है। उसके ऊपर से यदि कोई व्यक्ति किसी काम को करने की जिद्द ठान ले तो वह उसमें सफलता जरूर हासिल करता है। ऐसा ही एक मामला ओडिशा प्रांत के भुवनेश्वर से सामने आई है। जिसमें तमाम बाधाओं के बावजूद नेत्रहीन छात्र तपस्विनी दास ने ओडिशा सिविल सेवा की की परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है।

5 लाख में 161 वां रैंक 

ओडिशा लोक सेवा आयोग द्वारा ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा 2018 का परिणाम घोषित किया गया है। जिसमें तपस्विनी दास ने 161 वां रैंक हासिल किया है। गौरतलब है कि 5 लाख परीक्षार्थियों में 218 कैंडिडेट्स ने सफलता हासिल की है। वहीं, अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संकल्पित तपस्विनी ने 161 वां स्थान हासिल कर नया कीर्तिमान रचा है। 

इलाज के दौरान चली गई थी आंख की रोशनी 

भुवनेश्वर की मूल निवासी तपस्विनी जब दूसरी कक्षा में पढ़ रही थीं। उस दौरान आंख की सर्जरी कराई गई। बताया जा रहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण तपस्विनी के आंख की रौशनी चली गई। तपस्विनी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जब वह सात साल की थी तो उनके सिर में दर्द हुआ और आंखों की रौशनी कम होने लगी। जिसके बाद डॉक्टर को दिखाया गया। जिसमें सामने आया कि बाईं आंख की रौशनी समाप्त हो गई है। जबकि बाएं आंख की रोशनी धीरे धीरे कम होती जा रही है। जिसे सही करने के लिए डॉक्टर ने सर्जरी शुरू की लेकिन इस दौरान लापरवाही के कारण उसके आंख की पूरी रौशनी चली गई। 

यह मेरी जीत है

तपस्विनी दास ने कहा कि इस परिणाम को "मैं सफलता के रूप में नहीं देखती, मैं इसे अपनी जीत के रूप में देखती हूं। मैं इसे सफलता की राह में अपना पहला कदम मानती हूं।"

बनेंगे पहली नेत्रहीन महिला अधिकारी 

दिव्यांगता सशक्तिकरण विभाग के कमिश्नर सुलोचना दास ने कहा कि तपस्विनी दास राज्य की पहली नेत्रहीन महिला प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनेंगी। इसके साथ ही उन्होंने तपस्विनी दास की उपलब्धि के लिए सराहना भी की ।