सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी दिपावली के दिन देशवासियों से 'मन की बात' करेंगे। इस बात की जानकारी पीएम ने कुछ दिन पहले ट्विटर के माध्यम से दी थी और लोगों से सुझाव भी मांगे थे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि, 'इस महीने की 27 अक्टूबर दिवाली के दिन मन की बात करेंगे।' पीएम ने कहा था कि लोग 1800-11-7800 पर फोन कर या NaMo App या MyGov Open Forum पर लिखकर अपने सुझाव दे सकते हैं।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी दिपावली के दिन देशवासियों से 'मन की बात' कर रहे हैं, दूरदर्शन और प्रसार भारती पर देश भर के लोग पीएम के इस कार्यक्रम को सुन सकते हैं। इस बार पीएम मोदी ने मन की बाद कार्यक्रम में देशवासियों को दिवाली की शुभाकामनाएं दीं।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। दिवाली पर पीएम ने देश के लोगों से लोकल सामान खरीदने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अधिकतर सामान लोगों को लोकल से खरीदना चाहिए ताकि आपका श्रेत्र संपन्न रहे।
पीएम ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी यह देश के लिए एक बड़ी क्षति थी और समस्त देशवासियों को बड़ा झटका लगा था। पीएम ने इस वार्ता में सेना के जवानों को भी याद किया। उन्होंने सियाचीन में तैनात जवानों को याद करते हुए उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दी और स्वच्छता अभियान में उनके सहयोग को सराहा।
मन की बात कार्यक्रम की जानकारी पीएम ने कुछ दिन पहले ट्विटर के माध्यम से दी थी और लोगों से सुझाव भी मांगे थे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि, 'इस महीने की 27 अक्टूबर दिवाली के दिन मन की बात होगी।' पीएम ने कहा था कि लोग 1800-11-7800 पर फोन कर या NaMo App या MyGov Open Forum पर लिखकर अपने सुझाव दे सकते हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने 29 सितंबर को रेडियो पर 'मन की बात' की। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में एक अनोखी गतिविधि 'प्लॉगिंग' का जिक्र किया था। जोगिंग करते समय कूड़ा उठाकर इक्ट्ठा करने को 'प्लॉगिंग' कहा जाता है। प्रधानमंत्री इस विचार से काफी प्रभावित दिख रहे थे और उन्होंने आह्वान किया कि सभी देशवासी दो अक्टूबर को दो किलोमीटर वाक करें, और कूड़ा इकट्ठा करें और 'प्लॉगिंग' की इस प्रक्रिया में भाग लें। उन्होंने खेल मंत्रालय को इस बाबत जिमा सौंपा.
पीएम मोदी ने किया आमंत्रित
प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अपने मजबूत रुख को दोहराया और गांधी जयंती पर भारतीयों को इसके खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।