सार
तिरुपति मंदिर ट्रस्ट (TTD) ने केंद्र सरकार से तिरुमला को 'नो-फ्लाई जोन' घोषित करने की मांग की। एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से चर्चा जारी है।
Tirumala for No Fly Zone: तिरुमाला क्षेत्र को नो फ्लाई जोन बनाए जाने की मांग उठने लगी है। तिरुपति मंदिर प्रशासन (Tirupati Temple Administration) द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) से तिरुमला (Tirumala) को 'नो-फ्लाई जोन' घोषित करने की मांग की है। मंदिर ट्रस्ट की मांग पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु (Ram Mohan Naidu Kinjarapu) ने रविवार को कहा कि इस मुद्दे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ चर्चा की जा रही है ताकि वैकल्पिक उड़ान मार्गों की तलाश की जा सके।
नो फ्लाई जोन पर क्या है एविएशन मंत्री का बयान?
हैदराबाद में केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने कहा: हम नेविगेशन और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (Navigation and Air Traffic Control) के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि फ्लाइट्स के लिए वैकल्पिक मार्ग निकाले जा सकें। धार्मिक स्थलों और महत्वपूर्ण स्थलों से इस तरह की कई मांगें आई हैं इसलिए हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि सबसे अच्छा समाधान क्या हो सकता है। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में किसी भी स्थान को 'नो-फ्लाई जोन' घोषित करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
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टीटीडी ने लिखी केंद्र को चिट्ठी
तिरुपति मंदिर का संचालन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने रविवार को नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर तिरुमला को 'नो-फ्लाई जोन' (No-Fly Zone) घोषित करने की मांग की। पत्र में टीटीडी चेयरमैन बीआर नायडू (TTD Chairman BR Naidu) ने तिरुपति मंदिर की पवित्रता (Sanctity), सुरक्षा चिंताओं (Security Concerns) और भक्तों की भावनाओं (Devotees' Sentiments) का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि तिरुमला के ऊपर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान, हेलीकॉप्टर और अन्य हवाई गतिविधियां श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Sri Venkateswara Temple) के पवित्र वातावरण को बाधित करती हैं।
संस्कृति और विरासत की रक्षा का तर्क
टीटीडी का कहना है कि तिरुमला को 'नो-फ्लाई जोन' घोषित करना आवश्यक है ताकि इस पवित्र तीर्थस्थल की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत (Cultural and Spiritual Heritage) को सुरक्षित रखा जा सके।
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