सार

एलन मस्क द्वारा ट्विटर के टेकओवर के बाद से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मस्क की मनमानी की बातें सामने आ रही हैं, लेकिन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने साफ किया है कि भारत के कानून यह नहीं देखते कि कंपनी का मालिक कौन है। 

नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chadrashekhar) ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक कौन है, भारत के कानून को इससे कोई लेना देना नहीं है। हमारे कानून मालिकों के हिसाब से नहीं बदलते हैं। रायसीना डायलॉग 2022 के एक सत्र में भाग लेने के दौरान अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर खरीदने के विषय पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिचौलियों से खुलापन, सुरक्षा, विश्वास और जवाबदेही अपेक्षाएं बरकरार रहती हैं और यह इस पर निर्भर नहीं करती है कि प्लेटफॉर्म का मालिक कौन है। 

यूजर के नुकसान को देखते हुए आम सहमति बनानी होगी
चंद्रशेखर ने 'डिमिनिश्ड डेमोक्रेसीज : बिग टेक, रेड टेक एंड डीप टेक' विषय पर हुई एक चर्चा में भाग लेते हुए किसी भी सोशल मीडिया से प्रतिक्रिया के दायरे को व्यापक बनाने के लिए बातचीत की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर आम सहमति बनानी होगी कि यूजर को क्या नुकसान होता है। इसके लिए इन प्लेटफार्मों को अधिक उचित मेहनत करने और एक मंच के रूप में या एक यूजर के रूप में स्वामित्व लेने की जरूरत होती है। भारत में धारा 79 इन प्लेटफार्मों को सुरक्षित पोर्ट देता है। लेकिन यह तब तक अस्तित्व में है, जब तक आप उचित परिश्रम करते हैं और आप सुनिश्चित करते हैं कि कोई यूजर नुकसान या अपराध नहीं कर रहा है। 

ट्विटर के एल्गोरिदम में पूर्वागृह मौजूद
मंत्री ने कहा कि ट्विटर के एल्गोरिदम में पूर्वाग्रह मौजूद है। यदि आप बड़े टेक्निकल प्लेटफार्मों पर नजर डालते हैं और देखते हैं कि कर्मचारी किस विशेष पार्टी में योगदान करते हैं, तो इसे लेकर अलग-अलग तरह के विचार हैं। इसलिए हमें एल्गोरिदम के चारों ओर एल्गोरिदम अकाउंटेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी रखनी होगा। इस दिशा में हमें आगे जाना चाहिए। 

यूजर्स पर मनमानी की आशंकाएं
एलन मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदे जाने के बाद से कहा जा रहा है कि अब कंपनी यूजर्स पर मनमानी कर सकती है, क्योंकि अब यह पब्लिक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक प्रभावी व्यक्ति की कंपनी है। एलन मस्क भारत में सैटेलाइट इंटरनेट स्टारलिंक लॉन्च करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। फिलहाल मस्क ने यह योजना टाल दी, लेकिन कहा जा रहा है कि वह सरकार पर ट्विटर के जरिये इस तरह की योजनाओं को मनवाने के लिए अभियान चला सकते हैं। 

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