सार
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपीआई की परिभाषा, इसकी रुपरेखा और सिद्धांतों के लिए ऐतिहासिक वैश्विक सहमति मिली है। यह भारत के जी20 नेतृत्व की वजह से ही संभव हो पाया है।
Rajeev Chandrasekhar. केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रेशेखर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जी20 की भारतीय अगुवाई की वजह से डीपीआई के लिए ऐतिहासिक वैश्विक सहमति हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि डीपीआई समावेशन का शक्तिशाली तंत्र है। यह ग्लोबल साउथ के देशों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। जो देश इसमें पीछे रह गए हैं, वे आम सहमति से भारत के काम को देख सकते हैं।
डिजिटल अर्थव्यस्था पर बोले राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने अगस्त में आयोजित हुए डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए मंत्रियों की बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था भविष्य के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) को प्रभावी आकार देने का काम करेगा। इस पर वैश्विक सहमति भी बनी है।
जी20 की वजह से मिली डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि देशों के बीच तीन प्रमुख क्षेत्रों यानि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशल पर सहमति बनी है। कहा कि डीपीआई पहली बार वैश्विक सहमति पर पहुंची है। यह महत्वपूर्ण बातचीत जी20 के कारण तेज गति से आगे बढ़ी। भारत को अब दुनिया केस स्टडी के तौर पर देख रही है। जो देश इसमें पीछे रह गए हैं वे भारत को फॉलो कर सकते हैं।
इन देशों के साथ किया गया समझौता
भारत ने आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम, एंटीगुआ, बारबाडोस, त्रिनिदाद और टोबैगो, पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस जैसे देशों के साथ 8 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर साइन किए हैं। इससे इन देशों के पास अब अपनी सीमाओं के भीतर इन संसाधनों को अपनाने और उपयोग करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा आयाम मिला है।
पोस्ट कोविड डिजिटल स्किल
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद डिजिटल स्किल की जरूरत बढ़ी है। भारत की प्रतिभाएं और हमारे युवा डिजिटल स्किल की बदौलत दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र हैं। भारत की इस व्यवस्था का पूरी दुनिया ने लोहा माना है और कई देश भारत के साथ साझेदारी करने की इच्छा रखते हैं।
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