सार

नई संसद भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ध्वजारोहण किया है। कार्यक्रम के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी न्योता दिया गया था, लेकिन वह शामिल नहीं हुए।

नई दिल्ली। नई संसद भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ध्वजारोहण किया है। कार्यक्रम गजद्वार पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी न्योता दिया गया था, लेकिन वह हैदराबाद में चल रही कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक के चलते शामिल नहीं हुए। खरगे ने निमंत्रण का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें देर से जानकारी दी गई।

नई संसद में अलग तरीके से झंडा फहराया गया। आमतौर पर झंडा को डोरी खींचकर ऊपर पहुंचाया जाता है। नई संसद भवन में झंडा फहराने के लिए उपराष्ट्रपति ने बटन दबाया। इसके बाद झंडा ऊपर पहुंच गया। झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान हुआ। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी दलों के नेता मौजूद हैं। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कार्यक्रम में शामिल हुए।

900 करोड़ रुपए से हुआ है नई संसद भवन का निर्माण

बता दें कि नई संसद भवन का निर्माण 900 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इसे देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए सामान से बनाया गया है। यह भवन भारत की सांस्कृतिक और कलात्मक विविधता को दर्शाता है। इसमें करीब 5000 कलाकृतियां लगाई गईं हैं। इनमें मूर्तियां, पेंटिंग और वॉल पैनल शामिल हैं।

वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वारा पर लगाई गई है मूर्ति

संसद के हर प्रवेश द्वारा पर वास्तु के अनुसार जानवर की मूर्ति लगाई गई है। उत्तर के औपचारिक प्रवेश द्वार पर हाथी की मूर्ति है। हाथी ज्ञान, धन, बुद्धि और स्मृति का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा बुध से जुड़ी है जो गहन ज्ञान का स्रोत है। दक्षिणी द्वार पर घोड़े की मूर्ति है। घोड़ा धीरज, शक्ति और गति के गुणों का दिखाता है। यह अक्सर राजशाही से जुड़ा होता है। गरुड़ पूर्वी द्वार की रखवाली करता है। यह लोगों की आकांक्षाओं का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र में पूर्व को उगते सूरज से जोड़ा गया है। यह सफलता का प्रतीक है।