सार

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला (Supreme Court Verdict) सामने आ गया है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएं दायर की गईं थी।

 

SC Verdict Jammu Kashmir. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने को केंद्र सरकार के फैसले को वैध करार दिया है। केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर (सोमवार) को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने कहा कि धारा 370 अस्थाई था और भारत के राष्ट्रपति को पूरा अधिकार है कि वे इसे समाप्त कर सकें। भारत के राष्ट्रपति जम्मू कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अलग-अलग क्षेत्रों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी क्रम में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष और सीनियर वकील आलोक कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने क्या कहा

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व सीनियर अधिवक्ता आलोक कुमार ने धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय अमर बलिदानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि जैसा है। आज के निर्णय से यह प्रमाणित होता है कि 1947-48 में महाराजा हरी सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया गया विलय पत्र अंतिम और वैध था। जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। तब की सरकार ने अपनी कुछ राजनितिक महत्वाक्षांओं के कारण अनुच्छेद 370 से जम्मू कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया हुआ था।

 

 

आलोक कुमार ने आगे कहा कि भारत की संसद ने इस अनुच्छेद को हटा दिया था लेकिन फिर भी इस वाद के कारण कुछ कुहासा छाया हुआ था जो आज के निर्णय के बाद से साफ हो गया है। हमें विश्वास है कि जम्मू कश्मीर में विकास की धारा इसी तेजी से बढ़ती रहेगी। अब जम्मू और कश्मीर में एक ही बड़ा काम बचा हुआ रह गया है। वह है, गुलाम कश्मीर की पाकिस्तान के पंजे से मुक्ति दिलाना। हमें विश्वास है कि सशक्त भारत और संकल्पित सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को भी जल्द मुक्त करा सकेगी।

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