सार
Waqf (Amendment) Act 2025 को लेकर दिल्ली, तमिलनाडु और बंगाल में बढ़े विरोध, लेकिन क्या यह कानून भ्रष्टाचार पर चोट है या अल्पसंख्यक विरोधी? जानिए BJP सरकार का तर्क, विपक्ष की राजनीति और इस एक्ट की असली सच्चाई।
Waqf amendment bill: वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर देश में बवाल मचा है। विपक्ष शासित राज्यों—दिल्ली, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और डायमंड हार्बर, और तमिलनाडु में वक्फ कानून के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व INDIA गठबंधन के दल—कांग्रेस, टीएमसी (TMC), डीएमके (DMK), सीपीआई (M), आरजेडी, जेएमएम और आम आदमी पार्टी (AAP) कर रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार का दावा है कि यह कानून पारदर्शिता लाने के साथ शोषण को खत्म करेगा और समानता लाने में सक्षम होगा।
मोदी सरकार की सफाई: यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक
पीएम मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का दावा है कि यह कानून किसी समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के लिए लाया गया है। सरकार ने वक्फ बोर्ड को मिलने वाले मनमाने अधिकारों पर रोक लगाते हुए Section 40 को खत्म कर दिया है, जिससे अब कोई भी बोर्ड मनचाहे ढंग से ज़मीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं कर सकेगा।
क्या था Section 40 और क्यों हुआ इसका विरोध?
Section 40 वह प्रावधान था जो वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को 'वक्फ' घोषित करने का एकतरफा अधिकार देता था। कई बार इस धारा का दुरुपयोग कर ज़मीन कब्जाने और धर्म के नाम पर संपत्ति हड़पने की घटनाएं सामने आईं। अब यह कानून उस मनमानी को खत्म कर 'No Backdoor Waqf Land Grab' का संदेश देता है।
डिजिटल रिकॉर्ड, महिला भागीदारी और गैर-मुस्लिम सदस्यों की एंट्री
Waqf Act में सबसे बड़ा बदलाव वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है जिससे हर ज़मीन का लेखा-जोखा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके साथ ही अब वक्फ बोर्ड में महिलाओं और गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। यह कदम खासकर पसमांदा मुस्लिमों और बोहरा जैसे उपेक्षित समुदायों की आवाज़ को मंच देने की दिशा में देखा जा रहा है।
आदिवासी भूमि और सरकारी संपत्तियों की रक्षा भी कानून का अहम हिस्सा
नए संशोधन में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकारी या आदिवासी समुदाय की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। इससे जमीन विवादों में गिरावट की उम्मीद है।
विपक्ष की राजनीति या अल्पसंख्यकों का असली डर?
विपक्ष इसे 'समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश' बता रहा है, वहीं बीजेपी का दावा है कि यह कानून सबका साथ, सबका विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह कानून वक्फ बोर्डों को Accountable और Transparent बनाएगा और गरीब मुसलमानों को फायदा पहुंचेगा।