सार

सरकार वक्फ कानून में संशोधन करने जा रही है। सरकार के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। बोर्ड ने कहा है कि संशोधन के पीछे सरकार की मंशा जमीनों पर कब्जा करना है।

Waqf Law change issue: सरकार वक्फ कानून में संशोधन करने जा रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसको लेकर चिंता जताई है। बोर्ड की चिंताओं के बीच सरकार का दावा है कि वक्फ कानून में संशोधन के पीछे सरकार की वक्फ भूमि को हड़पने की चाल है, यह आरोप पूरी तरह से गलत है। अधिकारियों का दावा है कि कानून में संशोधन बच्चों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए है।

वक्फ कानूनों में संशोधन पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोर्चा खोल दिया है। बोर्ड ने रविवार को कहा कि वक्फ अधिनियम में कोई भी बदलाव या फेरबदल किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम इसका मुखर होकर विरोध करते हैं। लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कहा कि सरकार वक्फ अधिनियम 2013 में लगभग 40 संशोधनों के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की स्थिति और प्रकृति को बदलना चाहती है। सरकार यह इसलिए करना चाहती है ताकि वह वक्फ की संपत्तियों पर आसानी से कब्जा कर सके।

सरकार ने किया बोर्ड के आरोपों को खारिज

हालांकि, सरकार ने वक्फ कानूनों में संशोधन के आरोपों को खारिज कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि यह संशोधन सकारात्मक सोच के साथ किया गया है। संशोधन के पीछे का विचार मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाना है जो इसके तहत पीड़ित हैं। सरकार का आरोप है कि साजिश के तहत कुछ मुस्लिम मौलवियों द्वारा गलत बयान दिए जा रहे हैं। यह पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप हैं कि मुस्लिम भूमि छीन ली जाएगी।

सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रस्तावित संशोधन के दो मुख्य भाग हैं। पहली बार वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ संपत्ति घोषित होने से पहले जमीन का सत्यापन हो जाए। हालांकि, अभी तक इस संशोधन की समयावधि तय नहीं है। सरकार इसे कब पारित कराएगी, यह अभी नहीं बताया गया है।

धार्मिक संगठनों की क्या है चिंताए

लॉ बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं रहने वाला है। मुसलमानों के बाद सिखों और ईसाइयों के ऊपर भी अब सरकार नियंत्रण के लिए कानून में संशोधन करेगी। पहला वक्फ अधिनियम 1954 में पारित हुआ था। जबकि पहला संशोधन 1995 में और फिर 2013 में हुआ।

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