सार
गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में 8,000 कलाकारों द्वारा मेगा झुमुर प्रस्तुति होगी, जिसमें पीएम मोदी, 61 विदेशी राजनयिक और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे। जानिए इस आयोजन का महत्व।
Jhumoir Mahotsav: असम अपनी समृद्ध Tea Garden Community और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए तैयार है। इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) और 61 विदेशी राजनयिक (Heads of Missions) शामिल होंगे। गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम (Sarusajai Stadium) में होने वाले इस मेगा झुमुर (Jhumoir) कार्यक्रम में 8,000 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
असम क्यों दिखा रहा दुनिया को झुमुर नृत्य?
असम सरकार द्वारा आयोजित यह आयोजन Advantage Assam 2.0 समिट का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन क्षमता को वैश्विक मंच पर लाना है। झुमुर नृत्य असम की चाय बागान (Tea Gardens) से जुड़े आदिवासी समुदाय की पहचान है, जिसकी जड़ें 19वीं सदी से जुड़ी हैं। यह नृत्य चाय बागानों में कठिन श्रम के बाद आनंद और सामूहिकता को दर्शाता है।
राजनयिकों का दौरा और असम टूरिज्म को बढ़ावा
61 विदेशी राजनयिक सबसे पहले जोरहाट एयरपोर्ट (Jorhat Airport) पहुंचेंगे और वहां से काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park) जाएंगे। यह UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट असम की समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक है। इसके बाद वे गुवाहाटी में झुमुर नृत्य महोत्सव में भाग लेंगे और अगले दिन Advantage Assam 2.0 समिट में शामिल होंगे।
झुमुर नृत्य: असम की चाय बागान संस्कृति की धड़कन
झुमुर नृत्य में पुरुष और महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सितापति, हसुली, झुमका, चांधर और पैररी जैसे गहनों से सजी होती हैं। संगीत में ढोल, मादल, धामसा और बांसुरी का उपयोग किया जाता है।
असम का 200 साल पुराना चाय उद्योग
असम का Tea Industry इस साल 200 साल पूरे कर रहा है। असम हर साल 700 मिलियन किलोग्राम से अधिक चाय उत्पादन करता है, जो भारत के कुल उत्पादन का लगभग 50% है। दुनिया भर में प्रसिद्ध CTC (Crush, Tear, Curl) और ऑर्थोडॉक्स चाय असम के चाय बागानों से ही आती है। असम सरकार इस ऐतिहासिक अवसर को संस्कृति और आर्थिक विकास के रूप में मना रही है।
गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की योजना
पिछले साल असम सरकार ने बिहू नृत्य (Bihu Dance) को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करवाया था, जिसमें 11,000 से अधिक कलाकारों ने प्रस्तुति दी थी। अब सरकार की योजना झुमुर नृत्य और बोडो समुदाय के बगुरुंबा नृत्य (Bagurumba Dance) को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की है।
झुमुर नृत्य के कलाकारों को मिलेगा आर्थिक सहयोग
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने ट्वीट कर झुमुर नृत्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का महत्व समझाया और बताया कि इसका चाय से सीधा संबंध है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार प्रत्येक झुमुर कलाकार को ₹25,000 की आर्थिक सहायता देगी और हर चाय बागान को झुमुर नृत्य से संबंधित वाद्ययंत्र और अन्य सामान खरीदने के लिए अतिरिक्त ₹25,000 की मदद मिलेगी।
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