सार
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थल डफलो को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला है। इसके अलावा माइकल क्रेमर को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली. भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थल डफलो को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला है। इसके अलावा माइकल क्रेमर को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन तीनों अर्थशास्त्रियों को 'वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग' पर उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं कि कौन हैं अभिजीत बनर्जी...
- अभिजीत ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी, जेएनयू और हावर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की। अभिजीत ने 1988 में हावर्ड से पीएचडी की है।
- वे कैम्ब्रिज में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं।
- अभिजीत के पिता दीपक बनर्जी प्रेसिडेसी कॉलेज में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं, वहीं उनकी मां भी अर्थशास्त्री हैं।
- 2003 में उन्होंने अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब की स्थापना की।
- वे आर्थिक विकास विश्लेषण में अनुसंधान के लिए ब्यूरो के अध्यक्ष भी हैं।
- वे अमेरिकन अकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंस के फेलो भी चुने जा चुके हैं।
- वे 2015 में यूएन सेक्रेटरी जनरल हाई लेवल पैनल में प्रख्यात व्यक्तित्व में शामिल रह चुके हैं।
- उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। इनमें What the Economy Needs Now, Poor Economics, Making Aid Work शामिल हैं। उन्होंने 2 डॉक्यूमेंट्री भी बना चुके हैं।
- एस्थल डफलो, जो अभिजीत की पत्नी हैं। वे अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वालीं दुनिया की दूसरी महिला और अब तक की सबसे युवा हैं।