सार
NEET पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर दिल्ली समेत देश के कई शहरों में रेजीडेंट डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों के प्रदर्शन को 11 दिन हो चुके हैं। हालांकि, इस दौरान सरकार और डॉक्टरों के बीच बैठक भी हुई, लेकिन सभी बैठक बेनतीजा साबित हुई हैं, इस मामले को लेकर छह जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
नई दिल्ली : ओमीक्रोन के खतरे के बीच NEET पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर दिल्ली में पिछले 11 दिनों से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है, हड़ताल को लेकर सरकार और डॉक्टरों के बीच कई दौरे की बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक कुछ नतीजा नहीं निकला है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगों पर जब तक सरकार अमल नहीं करती है, तब तक वे स्ट्राइक जारी रखेंगे। बता दें कि दिल्ली के अलावा कई शहरों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि रेजिडेंट डॉक्टर आखिर क्यों कर रहे स्ट्राइक..
नीट काउंसलिंग 2021 में देरी को लेकर हो रही हड़ताल
डॉक्टरों का कहना है कि पहले तो सरकार ने नौ महीने देरी से परीक्षा कराई, इसके बाद किसी तरह से परिणाम घोषित हुए, लेकिन काउंसलिंग अब तक नहीं हो पाई है। डॉक्टरों ने कहना है कि रोकी गई काउंसलिंग के कारण फ्रंटलाइन पर 45,000 डॉक्टरों की कमी हो गई है। काउंसलिंग रुकने के चलते अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की भारी कमी आ गई है। डॉक्टरों को 36 घंटे तक लगातार ड्यूटी करना पड़ रहा है। सरकार हर बार बैठक में कहती है कि एक हफ्ते में हो जाएगा, लेकिन अब तक काउंसलिंग नहीं हुई है।
कहां फंसा पेच
डॉक्टरों का कहना है कि नीट पीजी एग्जाम के नोटिफिकेशन के बाद सरकार ने नई रिजर्वेशन पॉलिसी के तहत एडमिशन लागू कर दिया है। इससे डॉक्टर असमंजस में पड़ गए। इसमें EWS और ओबीसी क्राइटेरिया में कुछ बदलाव किया गया है। इसका विरोध हुआ तो मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। फिलहाल, मेडिकल PG में 27% OBC और 10% EWS आरक्षण की व्यवस्था है।
क्या है डाक्टरों की मांग
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि ओमीक्रोन को देखते हुए सरकार को काउंसलिंग को लेकर तत्काल फैसला लेना चाहिए। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में फास्ट ट्रैक के जरिए होनी चाहिए। ओमिक्रोन संकट को देखते फैसला जरूरी है, जिससे मौजूदा डॉक्टरों पर बोझ कम होगा।
हेल्थ मिनिस्ट्री और डॉक्टरों के बीच कई बार हो चुकी बैठक
इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और डॉक्टरों के बीच कई दौर की बैठक हुई है, लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा साबित हुई है।
6 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में इस मामले पर छह जनवरी को सुनावाई होनी है। इस मामले पर सरकार कोर्ट में अपना जवाब रखेगी।
गरीबों को भुगतना पड़ रहा इसका खामियाजा
डॉक्टरों की हड़ताल का खामियाजा गरीबों को भुगतने पड़ रहा है, इमरजेंसी से लेकर सर्जरी तक प्रभावित हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हड़ताल के चलते एक हजार से अधिक लोगों ऑपरेशन का नहीं हो पाया है।
सोमवार हिरासत में लिये गए डॉक्टर्स
27 नवंबर, 2021 से विरोध कर रहे डॉक्टरों के हड़ताल का मामला मंगलवार को तूल पकड़ लिया, जब सोमवार रात प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने सरोजनी नगर थाने का थेराव किया। पुलिस ने डॉक्टरों पर केस दर्ज किया, तो डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप कर दीं। इसके बाद दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी हुई।
मामले को तूल पकड़ता देख केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बीच में आए। उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों से बात की। मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में मामला विचाराधीन है, इसलिए काउंसलिंग में देरी हुई है। हम अपना जवाब इससे पहले कोर्ट में दाखिल कर रहे हैं, जिससे काउंसलिंग में देरी नहीं हो। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है।
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