सार
आध्यात्मिक गुरु और पर्यावरणविद सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) नदियों(Rally for Rivers) और मिट्टी बचाने(Save Soil); कह सकते हैं कि धरती को नुकसान से बचाने दुनियाभर में एक अभियान छेड़े हुए हैं। इसे जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। इन दोनों अभियान की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खूब तारीफ की है।
लखनऊ. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु और पर्यावरणविद सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) दुनिया में खराब होती मिट्टी की गुणवत्ता को बचाने को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं। सद्गुरु (Sadhguru) नदियों(Rally for Rivers) और मिट्टी बचाने(Save Soil); कह सकते हैं कि धरती को नुकसान से बचाने दुनियाभर में एक अभियान छेड़े हुए हैं। इसे जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। इन दोनों अभियान की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खूब तारीफ की है। योगी ने एक tweet करके कहा-"'Rally for Rivers' और 'Save Soil' ये दोनों अभियान उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायी हो सकते हैं, मुझे लगता है कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता इस अभियान के साथ जुड़ी भी हुई है।"
सद्गुरु की मिट्टी बचाओ यात्रा की सराहना
मंगलवार(7 जून) को लखनऊ में ईशा फाउंडेशन द्वारा मिट्टी बचाओ अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें योगी ने मिट्टी बचाने की दिशा में आगे आने के लिए प्रदेशवासियों का आह्वान किया। उन्होंने सद्गुरु की यात्रा को भी सराहा। बता दें कि सद्गुरु मिट्टी बचाओ का संदेश लेकर 27 देशों की 100 दिवसीय 30 हजार किलोमीटर यात्रा कर रहे हैं। 21 मार्च को उन्होंने लंदन से अपनी यात्रा शुरू की थी। योगी ने सद्गुरु के पिछले अभियान रैली फॉर रिवर का जिक्र करत हुए बताया कि 2017 में नदी संरक्षण का पवित्र अभियान लेकर सद्गुरु लखनऊ आए थे। तब भी प्रदेश सरकार इस अभियान से जुड़ी थी। अब तक 60 से अधिक नदियों को फिर से पहले जैसे स्वरूप में लाया जा चुका है।
'Rally for Rivers' और 'Save Soil' ये दोनों अभियान उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायी हो सकते हैं, मुझे लगता है कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता इस अभियान के साथ जुड़ी भी हुई है: #UPCM @myogiadityanath
कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स
संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी की 90% से अधिक मिट्टी के 2050 तक खराब होने की आशंका है। इसके असर से दुनिया भर में भोजन और पानी की कमी, सूखा और अकाल, प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन, बड़े पैमाने पर पलायन और विनाशकारी संकट पैदा हो सकते हैं। कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। यानी मानव जाति पर संकट खड़ा हो जाएगा। सद्गुरु इसी दिशा में काम कर रहे हैं। उनका टार्गेट 3.5 बिलियन लोगों और दुनिया के 60% मतदाताओं तक पहुंचना है।
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