सार

खेल मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय जिमनास्ट महासंघ (एफआईजी) को पत्र लिख कर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्षता वाली समिति को अगले महीने होने वाली विश्व कलात्मक जिमनास्टिक चैम्पियनशिप के लिये टीम का चयन करने दिए जाने की अनुमति मांगी है।

नयी दिल्ली.  खेल मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय जिमनास्ट महासंघ (एफआईजी) को पत्र लिख कर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्षता वाली समिति को अगले महीने होने वाली विश्व कलात्मक जिमनास्टिक चैम्पियनशिप के लिये टीम का चयन करने दिए जाने की अनुमति मांगी है। विश्व चैम्पियनशिप में ओलंपिक कोटे दाव पर लगे होंगे जिसका आयोजन 4 से 13 अक्टूबर तक जर्मनी के स्टुटगार्ट में किया जायेगा।

हालांकि भारतीय जिमनास्टिक महासंघ (जीएफआई) ने विश्व चैम्पियनशिप के लिये छह सदस्यीय टीम के चयन के लिये दो दिवसीय चयन ट्रायल आयेाजित किया था, लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने आईओए से ट्रायल कराने का अनुरोध किया जिसके बाद इस महीने के शुरू में इन्हें स्थगित कर दिया गया।

विश्व संस्था का समर्थन सुधाकर शेट्टी की अध्यक्षता वाली जीएफआई को मिला है, हालांकि खेल मंत्रालय ने  इसकी मान्यता 2011 के बाद से ही रद्द कर दी थी। खेल मंत्रालय ने 11 सितंबर को लिखे पत्र में एफआईजी को स्पष्ट किया कि वह जीएफआई को ‘कुप्रशासन, पक्षपात और गुटबाजी’ के कारण मान्यता नहीं देता।

मंत्रालय ने एफआईजी महासचिव जनरल निकोलस बुआम्पाने को लिखे पत्र में कहा, ‘‘सुधाकर शेट्टी की अध्यक्षता वाली जीएफआई खिलाड़ियों के टूर्नामेंट में चयन और नामांकन के लिये पैसा ले रही है और इसमें बहुत पक्षपात हो रहा है। ’’ साथ ही उन्होंने लिखा  ‘‘कोई भी राष्ट्रीय खेल महासंघ अगर भारत के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता (एनएसडीसीआई) के अनुसार सुशासन और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है तो उसे भारतीय राष्ट्रीय टीम चुनने का अधिकार नहीं है। ’’

खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव इंदर धामिजा ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि जब कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ मान्यता प्राप्त नहीं होती तो आईओए एक समिति बनाता है और चयन ट्रायल करता है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)