सार

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी और बिहार में धान 900 से 1000 रुपए में बिक रहा है, जो एमएसपी से काफी कम है। यदि ये कानून किसानों के हित में है, तो भाजपा बताएं कि किसान कहां जाकर धान बेचें, ताकि उन्हें एमएसपी से अधिक कीमत मिले। 

नई दिल्ली () । दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आज कृषि कानून के खिलाफ संकल्प पत्र पास किया गया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीनों कानून की कापी फाड़ दी। साथ ही कहा कि दिल्ली विधानसभा ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को खारिज कर दिया और केंद्र सरकार से इन्हें वापस लेने की अपील है।

बीजेपी को चुनाव में फंडिंग कराने के लिए लागू है ये कानून
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी और बिहार में धान 900 से 1000 रुपए में बिक रहा है, जो एमएसपी से काफी कम है। यदि ये कानून किसानों के हित में है, तो भाजपा बताएं कि किसान कहां जाकर धान बेचें, ताकि उन्हें एमएसपी से अधिक कीमत मिले। सीएम ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में भाजपा ने चुनावों को महंगा कर दिया है। ये तीनों कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि ये कानून भाजपा को चुनाव में फंडिंग कराने के लिए बनाए गए हैं।

यूपी के सीएम का केजरीवाल ने सुना भाषण, कही ये बातें
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि किसानों को कानूनों का फायदा समझ में नहीं आ रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में 20,000 किसानों की रैली की थी। उनको शायद कहा गया कि इन तीनों बिलो के फायदे समझाओ, तो वह फायदे समझाने लगे। मैं उनका भाषण सुन रहा था, वे कह रहे थे कि तुम्हारी जमीन नहीं जाएगी। यह फायदा है क्या, जमीन तो हमारी है। इसका क्या मतलब और फायदा है। तुम्हारी मंडी बंद नहीं होगी, यह क्या फायदा है? सीएम ने कहा कि किसी भी भाजपा वाले से पूछ लो कि फायदा क्या है, तो सभी लोगों को एक लाइन रटा रखी है कि किसान अब अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है। 

पहली बार बिना वोटिंग के पास किया गया कानून
सीएम केजरीवाल ने कहा कि कई लोग मुद्दा उठा रहे थे कि कोरोना काल में अध्यादेश पास क्यों किया गया। ऐसी क्या जल्दबाजी थी। 70 साल के भारत के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि राज्यसभा के अंदर बिना वोटिंग के राज्यसभा अध्यक्ष ने कानून को पास-पास कहकर पास कर दिया। जबकि पूरा सदन चिल्ला रहा था। सवाल किया कि ऐसी क्या आफत थी कि ये कानून पास कर दिए गए।