सार
उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न धर्मों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के मामले से निपटने के संबंध में उन सवालों को तैयार करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की जिस पर उसे चर्चा करनी है
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न धर्मों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के मामले से निपटने के संबंध में उन सवालों को तैयार करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की जिस पर उसे चर्चा करनी है। इसमें केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़ा मामला भी शामिल है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोब्डे की अध्यक्षता में नौ न्यायाधीशों की पीठ सवालों को तय किये जाने के मुद्दे पर एफ एस नरीमन समेत विभिन्न वरिष्ठ वकीलों की दलीलें सुन रही है, जिस पर उसे फैसला करना है।
धर्मों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव
सबरीमला मामले में पिछले साल 14 नवंबर को दिए गए फैसले के माध्यम से विभिन्न धर्मों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का मामला वृहद पीठ के समक्ष भेजा गया था।
पीठ को याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों, जैसे- मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं के खतना के चलन और अपने धर्म से बाहर किसी अन्य धर्म में विवाह करने वाली पारसी महिलाओं को अधिकार देने से इनकार करने आदि पर दिये गए तर्कों के मद्देनजर अपने सवाल तैयार करने हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)