सार

 कुछ दिन पहले तक संयुक्त समाज मोर्चा और AAP के बीच गठबंधन होने की चर्चा चल रही थी। लेकिन, सीट शेयरिंग को लेकर बात बिगड़ गई और मोर्चे ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस बीच, बुधवार को मोहाली आए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी माना कि अगर मोर्चा अलग प्रत्याशी खड़े करके चुनाव लड़ता है तो आप को बड़ा नुकसान होगा।

चंडीगढ़। केंद्र के तीन कृषि कानून के खिलाफ कभी आंदोलन का हिस्सा रहे 22 किसान संगठन अब संयुक्त समाज मोर्चा के रूप में पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए हैं। संयुक्त समाज मोर्चा ने बुधवार को 10 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इसमें मोर्चा के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल का नाम भी है। वो समराला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, मोहाली से रवनीत सिंह बराड़, घनौर से प्रेम सिंह भंगू, मोगा से नवदीप संघ, हरजिंदर सिंह टांडा खडूर साहिब से, डॉ. सुखमनदीप सिंह ढिल्लो तरनतारन से, राजेश कुमार करतारपुर से, रमनदीप सिंह जैतो से, अजय कुमार फिल्लौर से, बलराज सिंह ठाकुर कादियां से संयुक्त समाज मोर्चा के प्रत्याशी होंगे। 

बता दें कि कुछ दिन पहले तक संयुक्त समाज मोर्चा और AAP के बीच गठबंधन होने की चर्चा चल रही थी। लेकिन, सीट शेयरिंग को लेकर बात बिगड़ गई और मोर्चे ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस बीच, बुधवार को मोहाली आए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी माना कि अगर मोर्चा अलग प्रत्याशी खड़े करके चुनाव लड़ता है तो आप को बड़ा नुकसान होगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं मानता हूं कि अगर संयुक्त समाज मोर्चा (बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व वाला) पंजाब विधानसभा चुनाव अलग से लड़ता है तो यह निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी के वोटों को नुकसान पहुंचाएगा। 

अब दोनों संगठनों के बीच हो सकता है गठबंधन
दरअसल, किसान आंदोलन खत्म होने के बाद पंजाब की 22 किसान यूनियनों ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्च बनाया है। वहीं, हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए संयुक्त संघर्ष पार्टी का गठन किया है। संयुक्त समाज मोर्चा के नेताओं ने तीन दिन पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के साथ बातचीत की। संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से गुरनाम सिंह चढूनी के साथ गठबंधन के लिए एक कमेटी बनाई गई है।

आप से गठबंधन को लेकर मोर्चे में पड़ी थी फूट
कयास लगाए जा रहे थे कि संयुक्त समाज मोर्चा को 60 सीटें चाहिए थीं, जबकि आम आदमी पार्टी ने सिर्फ 10 सीटों की पेशकश की। संयुक्त समाज मोर्चा के गठन के वक्त किसान नेताओं ने पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया था, लेकिन बाद में आप के साथ गठबंधन का विकल्प तलाशने पर मोर्चे में फूट की खबरें भी सामने आई थीं। संयुक्त समाज मोर्चा के अधिकतर नेता अकेले ही चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं।

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