सार
राज्यसभा की पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की जब चर्चा चली तो एक नाम सामने आ रहा है संदीप पाठक का। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, लंदन से पीएचडी पूरी की है। वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।
चंडीगढ़. 117 सीटों के लिए हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर जीत हासिल की है। इस चीज में हालांकि कई चेहरों को श्रेय दिया जा रहा है। फिर भी आप की रणनीति चुनाव को लेकर क्या रही, इस बारे में अभी भी बहुत गोपनियता रखी जा रही है। अब राज्यसभा की पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की जब चर्चा चली तो एक नाम सामने आ रहा है संदीप पाठक।
पंजाब में आप के हैं सबसे बड़े रणनीतिकार
कौन है संदीप पाठक जिसे आम आदमी पार्टी इतनी तवज्जो दे रही है। बताया जा रहा है कि संदीप पाठक पंजाब में आम आदमी पार्टी की रणनीति को पर्दे के पीछे से संचालित कर रहे थे। पंजाब में आप का सबसे बड़ा रणनीतिकार बताया गया है। संदीप कई सालों से पंजाब की रणनीति में सक्रिय रहे। अब आम आदमी पार्टी अपने इस रणनीतिकार को सबके सामने नहीं लाना चाहती है। वह पंजाब में आप की टीमों के साथ बिना लाइमलाइट में आए चुपचाप काम करते रहे। उन्होंने सोशल मीडिया से मेनस्ट्रीम मीडिया से उचित दूरी बनाए रखी।
लंदन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाई
पर अब क्योंकि चुनाव हो चुके हैं। इसलिए संदीप को उनकी मेहनत का इनाम दिया जाने के लिए आप उन्हें अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया जा सकता है। संदीप दिल्ली आईआईटी से है। कुछ साल लंदन में गुजारे हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, लंदन से पीएचडी पूरी की। कुछ अन्य जगहों पर काम करने के बाद वे भारत लौट आए। संदीप राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी काम कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ किसान के बेटे हैं संदीप
बता दें कि संदीप छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी के रहने वाले हैं। उनका परिवार आज भी बटहा गांव में करता है। उनके पिता और चाचा गांव में खेती करते हैं। जैसे ही पंजाब से राज्यसभा मेंबर के लिए संदीप के नाम की घोषणा हुई तो गांव में जश्न शुरू हो गया। सबने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।
6 साल ब्रिटेन में रहकर भारत लौटे
संदीप के पिता शिवकुमार पाठक एक किसान हैं। 4 अक्टूबर 1979 को जन्में संदीप परिवार के सबसे बड़े बेटे हैं। संदीप से छोटे उनके भाई प्रदीप पाठक औऱ बहन प्रतिभा पाठक हैं। संदीप ने शुरूआती पढ़ाई लोरमी से की है, इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए बिलासपुर चले गए। फिर कॉलेज की स्टडी के लिए हैदराबाद चले गए, इसके बाद मास्टर और पीएचडी करने के लिए लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से गए। करीब यहां पर 6 साल रहकर अपने देश लौटे।