सार

राजस्थान में महिला कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के दौरान ड्रेस कोड का पालन सही से नहीं करने को लेकर एक आदेश जारी किया गया है। जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है। जानिए किस चीज के उपयोग के लिए ऑर्डर में मनाही की गई है।

बीकानेर (bikaner).  राजस्थान में पुलिस का लंबा चौड़ा बेड़ा है। एक लाख से ज्यादा पुलिसकर्मी इस बेड़े में शामिल हैं। इन पुलिसकर्मियों में कॉन्स्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी यहां तक डीजीपी की भी गणना है। इन्हीं 1लाख पुलिसकर्मियों में बड़ी संख्या महिला पुलिसकर्मियों की भी है। राजस्थान में करीब 20 हजार से ज्यादा महिला पुलिसकर्मी है, हालांकि इनमें से कुछ पद अभी रिक्त हैं। इन रिक्त पदों को भरने की भी कवायद राजस्थान में जारी है। पर चिंता की वजह ये नहीं बल्कि कुछ और है। जिसके लिए जारी ऑर्डर चर्चा का विषय बना है।

महिला कर्मचारियों के निकला आदेश, रखनी होगी फैंशन से दूरी
राजस्थान में इन दिनों पुलिस मुख्यालय से निकाला गया एक आदेश काफी चर्चा में है। यह आदेश महिला पुलिस कर्मियों के लिए निकाला गया है। खासतौर से वह पुलिसकर्मी जो थानों में और पुलिस लाइन में तैनात हैं, साथ ही वह महिला पुलिसकर्मी जो ट्रैफिक में भी अपना योगदान देती हैं। इन पुलिसकर्मियों के लिए एक आदेश निकाला गया है वह यह है कि महिला पुलिसकर्मियों को फैशन से दूरी बनानी होगी और उन्हें प्रॉपर तरीके से ड्रेसअप रहना होगा।  ताकि राजस्थान पुलिस का मान सम्मान बना रहे।

महिला कर्मचारी रंग बिरंगे स्कार्फ लगाती है, चश्मे भी पहनती है
दरअसल बीकानेर और प्रदेश के कुछ अन्य शहरों में महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान रंग-बिरंगे स्कार्फ लगाती हैं,  बालों में अलग-अलग रंग के रिबन लगाती हैं और वर्दी भी प्रॉपर तरीके से नहीं पहनती हैं । कई पुलिसकर्मी तो चश्मा लगा कर ड्यूटी करती हैं,  साथ ही कई पुलिसकर्मी बालों को अलग-अलग रंग में रंगती हैं और इस दौरान ड्यूटी पर आती हैं ।

इस तरह का फैशन वर्दी का अपमान है- पुलिस अधीक्षक
बीकानेर पुलिस अधीक्षक योगेश यादव का कहना है कि यह सब कुछ वर्दी का अपमान है। ऐसा करना उचित नहीं है। जिस तरह से पुरुष पुलिसकर्मी प्रॉपर यूनिफार्म में रहते हैं उसी तरह से महिला पुलिसकर्मियों को भी प्रॉपर यूनिफॉर्म पहनने की जरूरत है। ऐसा नहीं करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसे ही देखते हुए पुलिस मुख्यालय से इस तरह के आदेश जारी हुए हैं।

मीटिंग में लिया गया फैसला
योगेश यादव ने बताया कि 5 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग हुई थी और इस मीटिंग में ही महिला पुलिस कर्मियों के लिए ड्रेस कोड को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। पुलिस मुख्यालय तक भी यह शिकायतें पहुंची हैं कि अक्सर ड्यूटी के दौरान कई महिला पुलिसकर्मी प्रॉपर यूनिफॉर्म में नहीं होकर फैंसी कपड़े पहनती हैं ,जो कि एक तरह से वर्दी का अपमान है। इस आदेश को बीकानेर के अलावा प्रदेश के सभी शहरों में  भी भेजा गया है।