सार
यह मामला एकतरफा प्यार का है। प्रेमी भी कोई सड़कछाप मजनू नहीं, CISF का कमांडेट है। उसे एक IAS से मोहब्बत हो गई। लेकिन लेडी आफिसर को इसकी भनक नहीं थी। पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि आशिकी बदले की आग में बदल गई। पढ़िए चौंकाने वाली कहानी..
जयपुर. इस एकतरफा प्रेम की जमीन राजस्थान है। इसके बीज यहीं पड़े थे। आरोपी रंजन प्रताप सिंह CISF में कमांडेंट है। फिलहाल वो डेपुटेशन पर विदेश मंत्रालय में पोस्टेड है। बताते हैं कि राजस्थान में ट्रेनिंग के दौरान रंजन प्रताप की मुलाकात राजस्थान में कार्यरत एक लेडी IAS से हुई। रंजन उससे एकतरफा प्यार करने लगा। लेकिन महिला को इसकी रत्तीभर भी खबर नहीं थी। अचानक आरोपी को न जाने क्या हुआ कि वो बदले की भावना में आ गया। उसने महिला के पति को ड्रग्स तस्करी में फंसाने की साजिश रच डाली। लेकिन वो नाकाम रहा। मामला खुलते ही कमांडेंट अपने साथी दोस्त के साथ अब पुलिस की गिरफ़्त में है। दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। आरोपी मूलत: यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला है। 42 साल का रंजन प्रताप अभी दिल्ली के साकेत इलाके में रहता है। वो मिनिस्ट्री ऑफ सूचना और प्रसारण मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिक निकेतन वाले दफ़्तर में सीनियर कंसल्टेंट अमित सावंत को ड्रग्स तस्करी में फंसाने की कोशिश कर रहा था।
यह रची थी साजिश...
9 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस और CISF को एक अनजान कॉल से सूचना मिली कि इलेक्ट्रॉनिक निकेतन में खड़ी एक कार में ड्रग्स रखा है। जब कार की जांच की गई, तो उसमें करीब 500 ग्राम चरस के पैकेट मिले। मामला दिल्ली पुलिस को सौंपा गया। जब पुलिस ने कॉल करने वाले शख्स की जांच की, तो वो मेहरोली के रहने वाले एक शख्स का निकला। उसने पुलिस को बताया कि दो लोगों ने जरूरत बताकर उसके मोबाइल से कॉल किया था। बाद में जब CCTV खंगाले गए, तो उसमें पर्दे लगी एक कार नजर आई। उसके ग्लास पर विदेश मंत्रालय का स्टीकर चिपका था। इस तरह पुलिस कमांडेंट तक पहुंच गई। कमांडेंट की मदद उसके दोस्त नीरज चौहान ने की थी, जो एक वकील है। आरोपी अलीगढ़ से चरस लेकर आए थे।