सार
राजस्थान के जयपुर शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग के फेफड़े से डॉक्टरों की टीम ने एलईडी का टुकड़ा निकाला। इस सामान के चलते नाबालिग युवक काफी समय तक खांसी की समस्या से परेशान था।
जयपुर (jaipur). क्या कोई एलईडी बल्ब का सर्किट निगल सकता है जवाब है हां। दरअसल जयपुर में 13 साल के बच्चे के फेफड़े में से एलईडी बल्ब का सर्किट का टुकड़ा मिला है। खेल ही खेल में बच्चे ने इसे निगल लिया था और परिवार को नहीं बताया। वह लगातार खासता रहा और उसका इलाज चलता रहा। लेकिन सारे इलाज देने के बावजूद भी जब खांसी सही नहीं हुई तो डॉक्टर ने उसका एक्स-रे किया। एक्स-रे में जो दिखा वह हैरान करने वाला था। बाद में उसकी एंडोस्कोपी के जरिए ऑपरेशन किया गया और उसके फेफड़े में से एलईडी बल्ब के सर्किट का टुकड़ा निकाला गया।
जयपुर के सबसे बड़े हॉस्पिटल में हुआ ऑपरेशन
यह पूरा ऑपरेशन नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े अस्पताल यानी जयपुर में स्थित s.m.s. अस्पताल में हुआ है। s.m.s. अस्पताल में ईएनटी टीम ने एंडोस्कोपी के जरिए ऑपरेशन किया गया। इसमें डॉक्टर सुनील समदानी, उनकी टीम विकास रोहिल्ला ,डॉक्टर समन्वय सोनी, डॉक्टर लोकेंद्र और डॉक्टर सुनीता मीणा सभी मौजूद रहे। सबके पास अपने-अपने काम पहले ही तय थे। उसी आधार पर बच्चे का ऑपरेशन किया गया।
लगातार खासता रहता था नाबालिग, सर्जरी हुई फिर भी समस्या बनी रही
टीम के सदस्य डॉक्टर ने बताया कि जयपुर के नजदीक ही बामनवास इलाके में रहने वाला 13 साल का बच्चा दीपक खांसी से परेशान था। परिवार के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में दिखाया लेकिन उसकी खांसी सही नहीं हुई । उसके बाद उसे जयपुर के बच्चों के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेके लोन अस्पताल में दिखाया गया । वहां भी उसका इलाज सही तरह से नहीं हुआ। डॉक्टरों ने जांच पड़ताल करने के बाद कहा कि उसके फेफड़ों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में उसकी एक सर्जरी की गई और उसके बाद कुछ दिन वह सही रहा। लेकिन फिर से उसे खांसी की परेशानी होने लगी ।
एक्स रे में दिखा अजीबोगरीब सामान, फेफड़े से निकला LED बल्ब सर्किट
उसके उसके बाद डॉक्टर की टीम के कहने पर एक बार दीपक की छाती का एक्स-रे किया गया। एक्स-रे में धातु जैसा कुछ दिखा। उसके बाद इस केस को e.n.t. टीम के हवाले कर दिया गया। s.m.s. की ईएनटी टीम ने एंडोस्कोपी के जरिए यह ऑपरेशन किया और दीपक के फेफड़े के अंदर से एलईडी बल्ब के सर्किट का टुकड़ा निकाल दिया गया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। लेकिन अगले 24 घंटे डॉक्टर्स की टीम के ऑब्जरवेशन में उसे रखा गया है।
ईएनटी टीम के सदस्य डॉक्टर ने कहा कि इस तरह के केस बेहद कम सामने आते हैं। पूरी टीम खुश है कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। हालांकि उसने अभी भी परिवार को यह नहीं बताया कि यह टुकड़ा उसने कब और कहां निगल लिया था।