सार

फीडर के दुरुस्त होने के बाद चार जून तक पानी यहां पहुंचेगा। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से शहरभर में इस तारीख तक की पानी की सप्लाई का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार हर तीन दिन पर पानी दिया जाएगा।

जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) के दूसरे बड़े महानगर जोधपुर (Jodhpur) में जलसंकट के हालात बन गए हैं। क्लोजर के बाद इंदिरा गांधी नहर से आने वाले पानी में देरी के चलते यह नौबत आई है। यूं तो सोमवार को यह पानी जोधपुर पहुंचना था लेकिन अब इसमें 10 दिन की देरी हो रही है। जिसके चलते जोधपुर के प्राकृतिक रिजर्ववायर कायलाना और तख्तसागर तक पानी पहुंचाने वाली स्थानीय हाथी नहर सूख गई। अब इन रिजर्ववायर में मौजूद पानी से ही काम चलना है।

पानी पर पुलिस का पहरा
शहर में जलसंकट के दौरान किसी तरह की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े और लोग फिल्टर हाउस तक न पहुंचे। इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर यहां हथियार बंद जवान लगाए हैं। इसके अलावा कायलाना के आस पास भी पुलिस पानी चोरी रोकने के लिए गश्त करेगी। जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने शहर को अलग-अलग जोन में बांट कर व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए आरएएस अधिकारियों को पीएचईडी के अधिकारियों को लगाया है। 

चार जून तक की व्यवस्था
इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल पर सरहिंद फीडर टूट जाने से जोधपुर आने वाले पानी में देरी हो रही है। वहां तेजी से मरम्मत का काम चल रहा है। फीडर के ठीक होने के बाद भी पानी चार जून तक पहुंचेगा। जिसके चलते जिला प्रशासन ने पूरे शहर के लिए चार जून तक की जलापूर्ति का शेड्यूल जारी कर दिया है। जिसमें प्रत्येक तीन दिन से पानी दिया जाएगा। इसके अलावा पानी टैंकर से आवश्यकतानुसार आपूर्ति होगी। 

सिर्फ 10 दिन ही पानी बचा
कायलाना तख्तसागर से प्रतिदिन 15 MCFT (Million Cubic Feet) पानी की आपूर्ति होती है। यहां अभी 125 एफसीएफटी पानी है। जिससे 10 दिनों तक ही आपूर्ति हो सकती है। फिलहाल प्रशासन ने इस पानी से ​दस दिन में चार बार पानी की आपूर्ति देने का प्लान बनाया है। आशंका है कि पानी मिलने में और देरी हो सकती है। ऐसे में बचे पानी का उपयोग होगा।

 

 

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