सार
गुजरात विधानसभा चुनाव में सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस के जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह आए दिन रैलियों पर रैलियां कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने गुजरात सीमा से लगने वाले जिलों में शराबबंदी की तैयारी कर ली है। कभी भी इसका फैसला आ सकता है।
जयपुर. पंद्रह हजार करोड.....ये फिगर शराब से होने वाली कमाई का है जो सिर्फ बारह महीनों में राजस्थान सरकार ने करने का प्लान बनाया है और हमेशा की तरह इस बार भी इस रेवेन्यू टारगेट को कम समय में ही पूरा करने की तैयारी है। लेकिन इस रेवेन्यू टारगेट और राजस्थान के सुरा प्रेमियों के सामने नया संकट खड़ा हो गया। राजस्थान में चलने वाली कहावत इस पूरी प्रक्रिया पर सटीक बैठ रही है। कहावत है कि ब्याह पड़ोसियों के और धूम धड़ाका हमारे घर में....। शराब से जुड़ी ये खबर होश उड़ा देगी आपके.....।
गुजरात में शराब बैन...लेकिन राजस्थान से होती है सप्लाई
दरअसल दो दिन पहले राजस्थान के उदयपुर जिले में गुजरात और राजस्थान के आईएएस और आईपीएस अफसरों की बैठक हुई है। गुजरात के अफसरों ने राजस्थान सरकार के अफसरों के साथ कुछ समस्याएं साझा की है। समस्या है कि गुजरात में शराब पूरी तरह से बैन है। लेकिन फिर भी राजस्थान और हरियाणा से गुजरात के लिए शराब की तस्करी जारी है। गुजराती सुरा प्रेमी गला तर करने के लिए हर वीकेंड पर गुजरात से सटे राजस्थ्ज्ञानी जिलों में समय बिताते हैं और गला तर करते हैं। बडे़ वीकेंड और उससे भी बड़े आयोजनों में तो शराब और ज्यादा बहती है। गुजरात और राजस्थान की सीमा से सटे ये जिले उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और कुछ हद तक राजसमंद भी है। अब गुजरात की सरकार और अफसर चाहते हैं कि राजस्थान के इन जिलों में कम से कम शराब बंद कर दी जाए गुजरात चुनाव तक, अगर ऐसा होता है तो राजस्थान सरकार की तिजोरी पर भी आंच आ सकती हैं।
3 जिलों में बिकी थी 1200 करोड़ की शराब
गुजरात से सटे होने के कारण ही उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा में बिकने वाली शराब पूरे प्रदेश की शराब का करीब पंद्रह फीसदी तक है। राजस्थान सरकार ने पिछले साल इन तीन जिलों में ही करीब बारह सौ करोड़ रुपयों की शराब बेच दी थीं। इस चल रहे वित्तीय वर्ष के लिए कुल राजस्थान कार रेवेन्यू टारगेट करीब पंद्रह हजार करोड़ है। इन जिलों से आने वाले रेवेन्यू टारगेट को करीब ढाई हजार करोड़ तक रखा गया है।
अब सवाल ये है कि सरकार क्या कर सकती है...
अब बड़ा सवाल ये है कि राजस्थान की सरकार गुजरात में अपना प्रभाव डालने और गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनवाने की कोशिश में अगर ये कदम उठाती है तो उदयपुर , बांसवाड़ा समेत आसपास के जिलों में रहने वाले लाखों सुरा प्रेमी परेशान हो सकते हैं। आबकारी विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि फिलहाल इस विषय पर कुछ कहा नहीं जा सकता... सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।