सार

राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली संतोष देवी की मौत के बाद पूरे प्रदेश में तारीफ हो रही है। क्योंकि उन्होंने अपने शरीर के अधिकतर अंग दान कर कई लोगों की जिंदगी बचा ली। इस तरह से वह दुनिया में नहीं होने के बाद भी वे कई लोगों के शरीर में जीवित हैं। 
 

जयपुर. राजस्थान के सीकर जिले में रहने वाली संतोष देवी अब इस दुनिया में नहीं है । लेकिन इस दुनिया में नहीं होने के बाद भी वे कई लोगों के शरीर में जीवित हैं। संतोष देवी ने वह काम किया है जो राजस्थान में अब तक सिर्फ 45  लोग ही कर सके हैं । उन्होंने अपने शरीर के अधिकतर अंग दान कर दिए। उनके पति और परिवार के अन्य लोग इस दौरान मौजूद रहे। ऑर्गन डोनेशन की यह प्रक्रिया जयपुर के s.m.s. अस्पताल में पूरी की गई है।  

इस हदासे में दुनिया छोड़ गई थीं संतोष देवी
 ब्रेन डेड घोषित कर दी गई थी संतोष देवी दरअसल सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में रहने वाली संतोष देवी अपने पति सज्जन कुमार शर्मा के साथ 17 जुलाई को घर के नजदीक कोई सामान लेने के लिए निकली थी।  दोनों पति-पत्नी स्कूटर पर सवार थे  । बाजार में आने के दौरान अचानक संतोष देवी का बैलेंस खराब हो गया और वे चलते स्कूटर से नीचे आ गिरी।  पहले तो सीकर के अस्पताल में इलाज चला लेकिन बाद में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर कर दिया गया। कई दिन तक लगातार चिकित्सक  इलाज करते रहे लेकिन इसके बावजूद भी संतोष देवी को बचा नहीं सके। 

परिवार ने दिल पर पत्थर रख किया बड़ा फैसला
 23 जुलाई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया । परिजन शव लेने की जल्दबाजी कर रहे थे, लेकिन इस बीच s.m.s. अस्पताल में मौजूद बॉडी ऑर्गन डोनेट कराने वाली एक संस्था के लोग संतोष देवी के परिवार से मिले । उन्होंने संतोष देवी के शरीर के अंग दान करने के लिए परिवार को राजी कर लिया। उसके बाद 24 जुलाई को यह प्रक्रिया पूरी की गई।  s.m.s. अस्पताल में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन व सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर के चिकित्सकों ने मिलकर संतोष देवी की दोनों किडनी और एक लीवर का आवंटन सवाई मानसिंह अस्पताल में किया।  जिनका ट्रांसप्लांट रविवार रात तक कर लिया गया। 

संतोष देवी ने अपनी जान जाने के बाद तीन लोगों को नया जीवन दिया
यह राजस्थान का 46 वां अंगदान है।  स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन एवं s.m.s. मेडिकल कॉलेज के जयपुर के पदाधिकारियों डॉ सुधीर भंडारी, डॉक्टर अमरजीत मेहता,  डॉक्टर मनीष शर्मा, डॉक्टर अजीत सिंह के साथ ही मेडिकल स्टाफ एवं अन्य साथियों ने इन ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया। ब्रेन डेड संतोष देवी ने अपनी जान जाने के बाद तीन लोगों को नया जीवन दिया है । उनके किडनी और लीवर दान किए गए हैं, जिनका ट्रांसप्लांट भी कर दिया गया है।