सार

कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा लिखे गए लेटर के बाद कांग्रेस में कलह शुरू हो गई थी। ऐसे समय में कमलनाथ ने बड़ी भूमिका निभाई थी। कमलनाथ की पहल पर ही नाराज 23 नेताओं की बैठक सोनिया गांधी के साथ हुई थी। 

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इन दिनों कई खेमेबाजी और नाराजगी की खबरें हैं। एक गुट सचिन पायलट के साथ है तो दूसरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ। कांग्रेस ने अब मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी सौंपी है। कमलनाथ कई मौके पर कांग्रेस के लिए संकमोचक की भूमिका निभा चुके हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्या कमलनाथ सचिन पायलट को मना पाते हैं या नहीं।

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सचिन पायलट क्यों जरूरी
सचिन पायलट की जाट और गुर्जर समुदाय से पकड़ है। वो कांग्रेस के युवा और कद्दावर नेता हैं। अगले साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं और इन जगहों पर कांग्रेस को पायलट की जरूरत भी है। उत्तरप्रदेश में जाट वोटर्स की संख्या भी बहुत है। जाट वोटर्स को लुभाने के लिए सचिन पायलट का कांग्रेस के साथ होना जरूरी है। यूपी के 20 जिलों में गुर्जर समाज का प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस के लिए पायलट की उपयोगिता और बढ़ जाती है। पायलट को राजस्थान के साथ ही यूपी के लिए उपयोगी बताया जाता है।

क्या अहमद पटेल बन सकते हैं कमलनाथ
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे अहमद पटेल के निधन के बाद उनकी जगह कौन लेगा इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। राजस्थान के सीएम असोक गहलोत और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ इस रेस में सबसे आगे हैं। कमलनाथ संगठन में काम कर चुके हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश की सत्ता से भी बाहर हैं। ऐसे में अब पार्टी उन्हें नाराज नेताओं को मनाने की भूमिका में ला सकती है।  

23 नेताओं की कराई थी बैठक
कांग्रेस के 23 नेताओं द्वारा लिखे गए लेटर के बाद कांग्रेस में कलह शुरू हो गई थी। ऐसे समय में कमलनाथ ने बड़ी भूमिका निभाई थी। कमलनाथ की पहल पर ही नाराज 23 नेताओं की बैठक सोनिया गांधी के साथ हुई थी। 

सोनिया-राहुल के करीबी
कमलनाथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ प्रियंका और राहुल गांधी के करीबी हैं। वहीं, पायलट को राहुल और प्रियंका का करीबी माना जाता है। राजनीतिक जानकार ने बताया कि कमलनाथ पायलट की नाराजगी दूर करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 

क्या है पायलट-गहलोत विवाद
सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच दूसरी बार विवाद शुरू हो गया है। पायलट कई मुद्दों को लेकर गहलोत से नाराज हैं और संगठन के सामने बात भी रख चुके हैं। इस पूरे मामले को निपटाने के लिए 10 महीने पर कमेटी बनाई गई थी लेकिन कमेटी द्वारा फैसला करने में देरी के कारण एक बार फिर से पायलट खेमा नाराज है।