सार

पूरी दुनिया में शादी में अजीबो गरीब रस्म निभाई जाती है। कुछ ट्रेडिशन तो ऐसे होते हैं जिसे जानकर होश उड़ जाते हैं। हम मंगोलिया में शादी से पहले निभाई जाने वाली वो रिवाज बताने जा रहे हैं जिसे जानकर कांप जाएंगे।

रिलेशनशिप डेस्क. भारत ही शादी के दौरान कई तरह की रस्म निभाई जाती है। लेकिन इन रस्मों की अपनी खूबसूरती होती है। लेकिन कुछ जगहों पर रिवाज के नाम पर बेजुबान की जान ले जाती है। हम बात कर रहे हैं मंगोलिया की। यहां शादी तय करने से पहले दूल्हा-दुल्हन को एक ऐसी परंपरा का निभानी होती है जो खून से भरी होती है। यह परंपरा यहां सदियों से निभाई जा रही हैं।

मंगोलिया में शादी की तारीख तय करने के लिए लेनी होती है बेजुबान की जान

जब यहां दूल्हा-दुल्हन या घर वाले एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं तो शादी की तारीख तय की जाती है। शादी की तारीख तय करने से पहले होने वाले दूल्हा-दूल्हन के सामने मुर्गी का बच्चा यानी चूजे को लाया जाता है। इसके बाद होने वाले दंपति चाकू लेते हैं और उसे मारते हैं। इसके बाद उसका लीवर निकालते हैं। अगर चूजे का लीवर स्वस्थ स्थिति में होता है तो शादी की तारीख तय कर दी जाती है। लेकिन जब पता चलता है कि चूजे का लीवर खराब क्वालिटी वाला या फिर रोग से ग्रसित है तो इस प्रक्रिया को तब तक दोहराई जाती है जब तक कि हेल्दी लीवर होने वाले दंपति को ना मिल जाए। इसके बाद ही शादी की तारीख तय की जाती है।

साउथ कोरिया में शादी से पहले दूल्हे की होती है पिटाई

वहीं, साउथ कोरिया में शादी से पहले दूल्हे की पिटाई करने का रिवाज है। यहां दुल्हन को लेने जाने से पहले दूल्हे को एक रस्म निभाना होता है। दूल्हे के परिवार के सदस्य उसके पैरों से जूते हटाते हैं और फिर छड़ी से पीटते हैं। कुछ जगह पर सूखी मछली मे पैरों पर मारा जाता है।  इससे पहले दूल्हे को बांध दिया जाता है। फिर यह रस्म निभाई जाती है। इससे दूल्हे के शक्ति और चरित्र की परीक्षा होती है। हालांकि यह दर्दनाक रिवाज बहुत ही कम निभाया जाता है। इसे लोग अब मनोरंजन के तौर पर लेते हैं और बस नाम के लिए इस रिवाज को निभाते हैं।

बेटी की विदाई से पहले यहां पिता उसके ऊपर थूकता है

केन्या में होने वाले दुल्हन के विदाई के समय पिता को बेहद ही घिनौना काम करना पड़ता है। पति के साथ जाने से पहले दूल्ह के ऊपर पिता को थूकना पड़ता है। वो उसके सिर और ब्रेस्ट पर थूकते हैं।कुछ संस्कृतियों के लिए एक अजीब, अपमानजनक रिवाज होता होगा लेकिन मासाई कल्चर के भीतर थूकना सौभाग्य और भाग्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।मासाई आदिवासी सम्मान के संकेत के रूप में बड़ों से हाथ मिलाने से पहले अपने हाथों पर थूकते हैं। इतना ही नहीं नवजात की खुशहाली और दुर्भाग्य को दूर करे के लिए उसपर थूकने की परंपरा है।

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