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Vibhuvana Sankashti Chaturthi: विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत 4 अगस्त को, जानें पूजा विधि, शुभ योग, मुहूर्त, मंत्र और आरती

Vibhuvana Sankashti Chaturthi: धर्म ग्रंथों के अनुसार, अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विभुवन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस बार ये व्रत 4 अगस्त, शुक्रवार को है। ये व्रत 3 साल में एक बार किया जाता है, इसलिए इसका खास महत्व है। 

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Manish Meharele
Published : Aug 03 2023, 06:30 AM IST| Updated : Aug 04 2023, 09:46 AM IST
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कब है विभुवन संकष्टी चतुर्थी?
Image Credit : pexels@lens-report

कब है विभुवन संकष्टी चतुर्थी?

इस समय सावन का अधिक मास चल रहा है। अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। इस बार ये व्रत 4 अगस्त, शुक्रवार को किया जाएगा। ये व्रत तीन साल में एक बार आता है, इसलिए इसका विशेष महत्व है। आगे जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे, पूजा के मुहूर्त आदि…

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ये शुभ योग बनेंगे इस दिन
Image Credit : Getty

ये शुभ योग बनेंगे इस दिन

पंचांग के अनुसार, सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 04 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 12:45 से 05 अगस्त, शनिवार की सुबह 09:40 तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय शोभन योग में होगा और सिंह राशि में शुक्र और बुध की युति होने से लक्ष्मी-नारायण नाम का शुभ योग बनेगा। इस शुभ योग में की गई पूजा का फल कई गुना होकर मिलता है।

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जानें चंद्रोदय का समय और शुभ मुहूर्त
Image Credit : Getty

जानें चंद्रोदय का समय और शुभ मुहूर्त

विभुवन संकष्टी चतुर्थी में शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को पानी से अर्घ्य दिया जाता है, इसके बाद भी महिलाएं भोजन करती हैं। पंचांग के अनुसार, इस दिन चंद्रोदय रात 09:20 पर होगा। विभिन्न शहरों में इसका समय अलग-अलग हो सकता है। ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त…
- दोपहर 12:07 से 12:59 तक (अभिजीत मुहूर्त)
- दोपहर 12:33 से 02:10 तक
- शाम 5:25 से 07:03 तक
 

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विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत-पूजा (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
Image Credit : Getty

विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत-पूजा (Vibhuvana Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)

4 अगस्त, शुक्रवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। दिन भर सात्विक नियमों का पालन करें। कुछ भी खाए नहीं, अगर ऐसा संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं। चंद्रोदय से पहले भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा घर में किसी साफ स्थान पर स्थापित कर पूजा शुरू करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। श्रीगणेश की प्रतिमा को फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद दूर्वा, अबीर, गुलाल, चावल रोली, हल्दी आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। इस दौरान ऊं गं गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते रहें। मोदक या लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें। चंद्रोदय होने के बाद शुद्ध जल से चंद्रमा को अर्ध्य दें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें। इसके बाद स्वयं भोजन करें।

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भगवान श्रीगणेश की आरती (Lord Ganesha Aarti)
Image Credit : Getty

भगवान श्रीगणेश की आरती (Lord Ganesha Aarti)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

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