Shani Jayanti 2023 Upay: इस बार शनि जयंती का पर्व 19 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और विशेष पूजा आदि की जाती है। शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश कहा गया है। 

उज्जैन. ज्येष्ठ मास की अमावस्या बहुत ही खास होती है। इस दिन कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, शनि जयंती भी इनमें से एक है। इस बार ये तिथि 19 मई, शुक्रवार को है। (Shani Jayanti 2023 Upay) धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर सूर्यपुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। धर्म ग्रंथों में शनिदेव की पत्नियों के बारे में भी बताया गया है। मान्यता है कि शनिदेव की पत्नियों का नाम लेने से भी बुरे दिन टल जाते हैं। आगे जानिए शनिदेव की पत्नियों के बारे में…

ये हैं शनिदेव की पत्नियां (Shanidev ki Patniyo Ke Naam)
धर्म ग्रंथों में शनिदेव की पत्नियों को लेकर मत भिन्नता है। कुछ ग्रंथों में शनिदेव की एक ही पत्नी बताई गई है जबकि कुछ में शनिदेव की 8 पत्नियों का वर्णन मिलता है। एक श्लोक के अनुसार…
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन‍् पुमान्।
दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।
अर्थ- ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कंटकी, तुरंगी, महिषी, अजा। शनिदेव की इन 8 पत्नियों का नाम लेने से दुखों का नाश होता है और सौभाग्य बढ़ता है।

कब बोलें ये श्लोक?
जब भी शनिदेव के मंदिर जाएं तो पहले शनिदेव की पूजा करें। तेल चढ़ाएं, नीले फूल और काली उड़द भी चढ़ाएं। इसके बाद शनिदेव की नजर से साइड में हटकर इस मंत्र को बोलें। इस मंत्र को बोलने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और हर तरह के सुख अपने भक्त को प्रदान करते हैं।

पत्नी के कारण ही शनिदेव की दृष्टि में आया दोष?
शनिदेव और उनकी पत्नी से जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है। उसके अनुसार, शनिदेव का विवाह चित्ररथ गंधर्व की पुत्री से हुआ था। शनिदेव की पत्नी स्वभाव से बहुत उग्र थी। एक दिन जब शनिदेव तपस्या कर रहे थे, उसी समय उनकी पत्नी मिलन की इच्छा से उनके पास आई, लेकिन शनिदेव तपस्या में लीन होने से उसका ऋतुकाल समाप्त हो गया। जब शनिदेव ने आंखें खोली तो क्रोधित होकर उनकी पत्नी ने ये श्राप दिया कि मिलन की इच्छा होने पर भी आपने मेरी ओर नहीं देखा तो अब आप जिसे भी देखेंगे, उसका कुछ न कुछ अहित हो जाएगा। यही कारण है शनिदेव की दृष्टि में दोष माना गया है।


ये भी पढ़ें-

Vat Savitri Vrat Katha: वट सावित्री पर जरूर सुनें सावित्री-सत्यवान की कथा, इसके बिना नहीं मिलता व्रत का पूरा फल


Weird Tradition: यहां कुत्तों से करवाते हैं बच्चों की शादी, इस परंपरा से जुड़ी वजह जान आप भी रह जाएंगे शॉक्ड


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।