भारतीय क्रिकेट टीम में नए तेज गेंदबाजों की तलाश तेज, जानें कहां खोज रही BCCI
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क्रिकेट - मोहम्मद शमी: जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज वर्तमान में भारतीय टीम के शीर्ष तेज गेंदबाज हैं। उनके बाद शार्दुल ठाकुर और अर्शदीप सिंह ही दो अन्य तेज गेंदबाज हैं जो भारतीय टीम में दिखाई देते हैं।
हालांकि, इनमें से अर्शदीप सिंह अब तक केवल टी20 क्रिकेट में ही नियमित रूप से खेल रहे हैं। हालाँकि, टी20 प्रारूप में जिस तरह से उन्होंने प्रदर्शन किया है, वैसा प्रदर्शन अन्य प्रारूपों में नहीं दिखा है।
बुमराह, शमी के बाद कौन?
अब तक, अर्शदीप सिंह वनडे और टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं। इसके अलावा खलील अहमद, मुकेश कुमार, दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप सहित कई खिलाड़ी पिछले 2 वर्षों में भारतीय टीम में पदार्पण कर चुके हैं, लेकिन वे भी अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं। इस वजह से वह भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए।
इससे भारतीय टीम प्रबंधन दूसरी पंक्ति के तेज गेंदबाजों का समूह बनाने में विफल रहा है। बुमराह अब ज्यादातर महत्वपूर्ण सीरीज में ही खेलते नजर आते हैं। वहीं मोहम्मद शमी करीब एक साल बाद फिर से क्रिकेट में वापसी करने को तैयार हैं। मोहम्मद सिराज के लिए निरंतरता एक समस्या बन गई है।
ऐसे में बीसीसीआई ने उनके विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत आईपीएल में 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले कई गेंदबाजों की पहचान की गई है। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी तुषार देशपांडे, केकेआर के हर्षित राणा, आरसीबी के यश दयाल और वैशाख विजयकुमार को शॉर्टलिस्ट किया गया है। ये तेज गति से गेंदबाजी कर सकते हैं।
ज्यादा अनुभव नहीं..
हालांकि, इन सभी को अभी तक टेस्ट क्रिकेट में पर्याप्त अनुभव नहीं मिला है। भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि उमरान मलिक जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में अनुभव की कमी के कारण जूझ रहे हैं। क्योंकि वे टी20 क्रिकेट में सिर्फ 24 गेंदें फेंकते हैं।
साथ ही, टी20 क्रिकेट में टेस्ट क्रिकेट जैसा दबाव नहीं होता है। इसलिए आप टी20 क्रिकेट से किसी का भी अंदाजा नहीं लगा सकते। मेरे हिसाब से सभी गेंदबाजों को लाल गेंद से गेंदबाजी का अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रथम श्रेणी मैचों में गेंदबाजी करते समय पिच खराब होने की आशंका रहती है।
कुछ समय से हम दो-तीन गेंदबाजों पर तेज गेंदबाजी का भार डालकर खेल रहे हैं। इससे उबरने के लिए हर गेंदबाज को रिवर्स स्विंग करना सीखना होगा। क्योंकि भारत की पिच का इतिहास ऐसा ही रहा है। भरत ने कहा कि मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज दोनों के लिए यह सबसे बड़ा सहारा है।
दलीप ट्रॉफी से नए गेंदबाजों की एंट्री
ऐसे में बीसीसीआई ने दलीप ट्रॉफी में 20 से ज्यादा तेज गेंदबाजों का चयन किया है। इनमें आवेश खान, आकाश दीप, यश दयाल, तुषार देशपांडे, आदित्य ठाकरे, आकाश सेंगुпта, नवदीप सैनी, मोहित अवस्थी, संदीप वारियर और गौरव यादव जैसे कई युवा खिलाड़ी शामिल हैं।
माना जा रहा है कि इस दलीप ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाजों को बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका मिल सकता है। प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलने पर भी उन्हें भारतीय टीम के साथ बने रहने का मौका मिल सकता है। क्रिकेट हलकों में कहा जा रहा है कि फिलहाल शमी की फिटनेस और उम्र जैसे पहलुओं को देखते हुए बीसीसीआई ने दलीप ट्रॉफी से एक और नया प्रयोग शुरू किया है।