सार
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह ने पेरिस ओलंपिक में भारत के खराब प्रदर्शन के लिए पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में भारत के खराब प्रदर्शन के लिए पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जिम्मेदार है। यह कहना है भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह का। उन्होंने कहा कि 14-15 महीने तक चले विरोध प्रदर्शन ने कुश्ती जगत को अस्थिर कर दिया और इस दौरान पहलवान राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण नहीं ले सके। संजय सिंह ने इंडिया टुडे से बातचीत में यह बात कही।
संजय सिंह ने कहा कि लंबे समय तक चले विरोध प्रदर्शन का असर ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन पर पड़ा। पेरिस में अमन सहरावत ने भारत को कुश्ती में एकमात्र पदक दिलाया। सहरावत ने कांस्य पदक जीता। विनेश फोगाट फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन वजन अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
बता दें कि WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग को लेकर पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया था। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक इस विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थीं। विरोध प्रदर्शन के बाद बृजभूषण शरण सिंह की जगह संजय सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन साक्षी मलिक ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
महिलाओं के 50 किलोग्राम फ्री स्टाइल वर्ग में भाग ले रहीं विनेश फोगाट ने शानदार जीत के साथ फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन फाइनल से ठीक पहले 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश ने कम से कम रजत पदक देने की अपील की थी, लेकिन खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने अभी तक इस पर फैसला नहीं सुनाया है। पहले उम्मीद थी कि CAS बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि अंतिम फैसला 16 अगस्त को आएगा। भारत को इस बार कुश्ती में सिर्फ एक पदक मिला है, जो अमन सहरावत ने जीता है। अंशु मलिक, रितिका हुड्डा, निशा दहिया और अंतिम पंघाल समेत अन्य सभी पहलवान पदक जीतने में नाकाम रहे।