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Inspirational Story: जानिए क्यों सुर्खियों में रहती हैं हरियाणा के छोटे से गांव चंदैनी की मुस्लिम लड़कियां
यह कहानी हरियाणा के मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र के नूंह जिले के छोटे से गांव चंदैनी की है। कहने को नीति आयोग द्वारा जारी देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों की सूची में नूंह शीर्ष पर है, लेकिन इस गांव की लड़कियां हर क्षेत्र में परचम फहरा रही हैं।
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नूंह. यह कहानी हरियाणा के मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र के नूंह जिले के छोटे से गांव चंदैनी की है। कहने को नीति आयोग द्वारा जारी देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों की सूची में नूंह शीर्ष पर है, लेकिन इस गांव की लड़कियां हर क्षेत्र में परचम फहरा रही हैं।
यहां के रिटायर्ड अधिकारी लियाकत अली की बेटी शामिया आरजू दुबई में एमिरेट्स एयरलाइंस में एयरोनॉटिक्स इंजीनियर के तौर पर काम कर रही हैं। अगस्त 2019 में शामिया आरजू ने पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली से शादी की थी।
नई दिल्ली से 70 किमी दूर करीब 6000 लोगों के इस गांव में स्कूलों की हालत बेशक जर्जर हो, विकास दूर-दूर तक नहीं दिखता है, लेकिन लड़कियों ने अपने विकास के रास्ते ढूंढ़ लिए हैं। कहते हैं कि यहां ब्रिटिश काल से ही लड़कियों को स्कूल-कॉलेज भेजा जाता रहा है।
खराब परिस्थितियों में भी चंदैनी गांव महिला शिक्षा का ध्वजावाहक बना हुआ है। गांव के रिटायर्ड हेड मास्टर प्रह्लाद सिंह की पोती चेतना, एजीटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव से आयुर्वेद में एमएस कर रही हैं। ऐसी और भी बेटियां हैं, जो बाहर रहकर पढ़ाई कर रही हैं।
दिलचस्प है कि मेवात करीब 2700 वोटरों का गांव है। यहां विरासत को भी संभालकर रखा गया है। यहां 360 कुंए हैं। हवेलियां हैं। चंदैनी की गिनती मेवात के सबसे खुशहाल गांवों में होती है।
फारूक और इंजीनियरिंग के छात्र आफताब ने कहा कि नूंह शहर में गांव के 20 फीसदी युवा मोटर मैकेनिक का काम करते रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार चंदैनी के लड़के-लड़कियों की एक बड़ी संख्या इस समय स्कूलों में शिक्षक, वकील और पुलिस में छोटे-बड़े पदों पर आसीन है। (चंदैनी की एक प्राचीन मस्जिद)
Content Source - awaz the voice