MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Other State News
  • पैसे हुए खत्म और नहीं मिला काम, मालिक के टॉर्चर से बचने 1100Km पैदल चलकर घर पहुंचे मजदूर, कहानी कितनी सच्ची-झूठी?

पैसे हुए खत्म और नहीं मिला काम, मालिक के टॉर्चर से बचने 1100Km पैदल चलकर घर पहुंचे मजदूर, कहानी कितनी सच्ची-झूठी?

जब देश में 2020 को कोरोना की एंट्री हुई थी, तब लॉकडाउन के चलते मजदूरों को मीलों पैदल चलकर अपने घर पहुंचना पड़ा था। ऐसा ही एक मामला ओडिशा के कालाहांडी में सामने आया है। हालांकि प्रशासन ने इसे नकार दिया है।

2 Min read
Amitabh Budholiya
Published : Apr 06 2023, 07:05 AM IST| Updated : Apr 06 2023, 07:08 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15
Image Credit : Asianet News

कालाहांडी(Kalahandi). जब देश में 2020 को कोरोना की एंट्री हुई थी, तब लॉकडाउन के चलते मजदूरों को मीलों पैदल चलकर अपने घर पहुंचना पड़ा था। ऐसा ही एक मामला ओडिशा के कालाहांडी में सामने आया है। यहां काम न मिलने पर ओडिशा के तीन मजदूर बेंगलुरु से कालाहांडी तक करीब 1100 किमी पैदल चलकर घर पहुंचे। हालांकि जब मामला मीडिया के जरिए तूल पकड़ा, तो अफसर मजदूरों के घर गए। अब अधिकारियों ने इसे नकारते हुए एक नई बात कही है।

25
Image Credit : Asianet News

कालाहांडी जिले के जयपटना ब्लॉक के तिंगपटना गांव के तीन मजदूर काम की तलाश में बेंगलुरु गए थे। वहां काम नहीं मिलने पर पैसे खत्म होने की स्थिति में उन्हें पैदल ही घर लौटना पड़ा। तीनों मजदूर बिना वेतन के काम करने को मजबूर थे। उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता था। ठीक से खाना भी नहीं देता था मालिक।

35
Image Credit : Asianet News

जब मजदूरों को कोई दूसरा जरिया नहीं दिखा, तो उन्होंने ओडिशा लौटने का फैसला किया। ट्रेन या बस के पैसे नहीं होने पर तीनों ने लगभग 1100 किलोमीटर की दूरी तय की और 8 दिनों में दूरी तय कर अपने गांव पहुंचे। मजदूरों की पीड़ा देखकर कुछ नेकदिल लोगों ने घर वापस जाते समय उन्हें कुछ भोजन और पैसे की पेशकश की।

45
Image Credit : Asianet News

प्रवासी मजदूरों के अनुसार, मनरेगा के तहत कोई काम नहीं मिलने के बाद उन्हें दिहाड़ी मजदूरों के रूप में काम करने के लिए बेंगलुरु जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक मजदूर ने कहा-“मैं दो महीने पहले बेंगलुरु गया था। लेकिन वहां के लेबर कांट्रेक्टर ने मुझे प्रताड़ित किया।"

यह भी पढ़ें-गर्लफ्रेंड को कनाडा से बुलाकर कोर्टमैरिज की, फिर मर्डर कर शव फार्म हाउस में दफना दिया, 9 महीने बाद खुला शादीशुदा प्रेमी का राज़

55
Image Credit : Asianet News

हालांकि कालाहांडी प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और उनसे मिलने पहुंचा। प्रशासन ने इसे अफवाह बताया कि वे 1100 किमी पैदल नहीं चले। वे विशाखापत्तनम से ओडिशा के कोरापुट जिले के पोट्टांगी गांव तक कुल 160 किलोमीटर पैदल चलकर आए थे। तीनों ने ट्रेन में बिना टिकट के बेंगलुरु से विशाखापत्तनम की यात्रा की थी। फिर ट्रक से नबरंगपुर क्षेत्र पहुंचे। बाद में वे ट्रैक्टर से कालाहांडी जिले के सेमेला गांव आ गए।

यह भी पढ़ें-लाल कपड़ा लहराते हुए पटरियों पर दौड़ी 70 साल की महिला, अगर ये समझदारी न दिखाती, तो ट्रेन पलट जाती

About the Author

AB
Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved