सार
देश में फिर से बुलडोजर ने अफरा-तफरी मचा दी है। 11 फरवरी को दिल्ली और श्रीनगर में अतिक्रमण हटाने एक बड़ी मुहिम को अंजाम दिया गया। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भूमि हड़पने वाले दबंगों के खिलाफ कई दिनों से एक्शन चल रहा है।
नई दिल्ली/श्रीनगर. देश में फिर से बुलडोजर(JCB, जिसे लोग बुलडोजर भी कहने लगे हैं) ने अफरा-तफरी मचा दी है। 11 फरवरी को दिल्ली और श्रीनगर में अतिक्रमण हटाने एक बड़ी मुहिम को अंजाम दिया गया। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भूमि हड़पने वाले दबंगों के खिलाफ कई दिनों से एक्शन चल रहा है। वहीं, दिल्ली में महरौली में बुलडोजर चला। पढ़िए डिटेल्स...
जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई
शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू के मलिक बाजार में अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू हुआ। एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने बाजार में एक कार शोरूम को तोड़ने के लिए तीन जेसीबी लगाई हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत अभियान चलाया जा रहा है। पिछले सप्ताह जब अभियान शुरू किया गया था, तब इलाके में स्थानीय लोगों ने विरोध किया था और उनमें से कुछ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। मारपीट के बाद पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लिया है।
उप राज्यपाल के निर्देश के बाद मुहिम छेड़ी
जम्मू-कश्मीर में जमीनों पर अवैध कब्जा करके बैठे दबंगों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी मुहिम छेड़ दी है। इस मुहिम का अधिकांश लोगों ने स्वागत किया है। 3 फरवरी को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऐलान किया था कि केवल प्रभावशाली और शक्तिशाली लोग; जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और राज्य की भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए कानून का उल्लंघन किया, उन्हें देश के कानून का सामना करना पड़ेगा। एलजी ने यह भी कहा था कि अनुचित तरीकों से अवैध रूप से जमीन हड़पने वालों को ही बेदखली का सामना करना पड़ रहा है।
एलजी ने व्यक्तिगत रूप से डीसी और एसएसपी को निर्देश दिया था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान किसी भी तरह से किसी भी तरह से निर्दोष व्यक्ति प्रभावित न हो। इसके बाद से लगातार अतिक्रमण विरोधी मुहिम जारी है।
केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने 'बड़े भूस्वामियों' और 'प्रभावशाली' लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक बेदखली अभियान शुरू किया। जम्मू संभाग में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लगभग 23,000 हेक्टेयर जमीन को वापस ले लिया गया है।
इधर, दिल्ली में महरौली में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा वैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।