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अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रॉसेस क्या? कहां मिलेंगे फॉर्म? जानें हर डिटेल
अमरनाथ यात्रा-2025 के लिए रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल की तारीख से शुरू हो गया है। यात्रा के लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की मोड से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
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अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन 2025: फीस कितनी है और फॉर्म कहां मिलेंगे?
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन शुल्क ₹200 है। इसे 533 अधिकृत बैंक शाखाओं के माध्यम से किया जा सकता है, जो देशभर के विभिन्न शहरों और जिलों में स्थित हैं। यह जानने के लिए कि आपके नजदीक कौन-सी बैंक शाखा अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत है, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) की आधिकारिक वेबसाइट (https://jksasb.nic.in) पर जाएं।
अमरनाथ यात्रा 2025 के डेट्स क्या?
शुरुआत: 3 जुलाई 2025
समापन: 9 अगस्त 2025 (रक्षाबंधन के दिन)
कुल अवधि: 39 दिन
रूट: पहलगाम (अनंतनाग) और बालटाल (गांदरबल)
इस बार करीब 6 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है।
स्टे लोकेशन्स: पहलगाम, श्रीनगर, जम्मू, बालटाल, पंथा चौक, नुनवान आदि में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
कैसे करें अमरनाथ यात्रा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन? जानें स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
SASB की वेबसाइट (www.shriamarnathjishrine.com) पर विजिट करने के बाद “Online Services” और फिर “Yatra Permit Registration” का विकल्प सेलेक्ट करें। निर्देशों को पढ़ें और “I Agree” पर क्लिक करें। फिर “Register” बटन दबाएं और आवेदन फॉर्म भरें। अपनी पूरी डिटेल भरने के बाद स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (CHC) अपलोड करें। आपके मोबाइल पर आए OTP के ज़रिए वेरिफिकेशन करें। इसके बाद पेमेंट लिंक मिलेगा, करीबन ₹200 का भुगतान करें। पेमेंट के बाद यात्रा परमिट डाउनलोड कर लें।
Compulsory Health Certificate है अनिवार्य
इस यात्रा में शामिल होने के लिए, किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर या सरकारी हॉस्पिटल से जारी किया गया CHC (स्वास्थ्य प्रमाणपत्र) होना जरूरी है। बिना CHC के रजिस्ट्रेशन मान्य नहीं होगा। चूंकि यात्रा ऊंचाई वाले कठिन रास्तों से होकर गुजरती है, जहां ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है, इसलिए यह हेल्थ सर्टिफिकेट आपके शारीरिक रूप से फिट होने का प्रमाण होता है।
यात्रा से पहले क्या करें?
1. रोजाना वॉक करें (4-5 KM) इससे शरीर धीरे-धीरे ट्रेकिंग के लिए तैयार होगा।
2. प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग और बेसिक योगाभ्यास शुरू करें। ये व्यायाम फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बनाते हैं और ऊंचाई पर सांस की तकलीफ से बचाते हैं।
3. खूब पानी पिएं मतलब दिन भर में 4 से 5 लीटर तक तरल पदार्थ लें ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। इससे थकान, सिरदर्द और AMS (Acute Mountain Sickness) से बचाव होता है।
4. ऊर्जा बनाए रखने के लिए ऐसा भोजन करें जिसमें कार्बोहाइड्रेट भरपूर हो। इससे शरीर में शुगर का स्तर संतुलित रहता है और आप ज्यादा थकान महसूस नहीं करते।
5. ऊंचाई की बीमारी के लक्षण दिखें तो नीचे लौटें। अगर चक्कर, उल्टी, सिरदर्द या सांस फूलने जैसी समस्या हो, तो बिना देर किए वापस जाने का फैसला लें।
6. यात्रा मार्ग में हर 2 किलोमीटर पर मेडिकल हेल्प पॉइंट होता है। किसी भी शारीरिक परेशानी में तुरंत वहाँ सहायता लें।
यात्रा में क्या न करें?
1. शराब, सिगरेट और कैफीन से दूर रहें। ये पदार्थ शरीर की ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को कम कर देते हैं, जिससे खतरा बढ़ सकता है।
2. बीमार यात्रियों की सलाह पर निर्भर न रहें। कई बार बीमार लोग सही निर्णय नहीं ले पाते, इसलिए उनकी सलाह पर चलने की बजाय डॉक्टर्स की सलाह लें।
3. लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऊंचाई से जुड़ी बीमारियों को हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है। यदि कोई भी संकेत मिले, तो तुरन्त जरूरी कार्रवाई करें।