सार
उत्तराखंड सरकार भी यूपी की तरह दंगा फसाद करने वालों के खिलाफ ऐसा कानून ला रही है। जिसमें उपद्रवियों को खुद नुकसान की भरपाई करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन्हें जेल तक की सजा हो सकती है।
देहरादून. यूपी की तरह उत्तराखंड में भी सरकार ऐसा कानून ला रही है। जिसमें दंगा फसाद कर नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को ही उसकी भरपाई करनी होगी। अगर वे तय सीमा में भरपाई नहीं करेंगे। तो उन्हें जेल भी हो सकती है। इस संबंध में उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी कानून ला रहे हैं।
सरकारी और प्राइवेट संपत्ति
दरअसल उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी अब प्रदेश में ऐसा कानून ला रहे हैं। जिसमें दंगे फसाद या अन्य के समय अगर कोई किसी भी सरकारी या प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है। तो उस नुकसान की भरपाई भी उसी को करनी होगी। जिसने ये नुकसान किया है। अगर वह इस नुकसान की भरपाई नहीं करता है। तो उसे जेल तक हो सकती है।
संपत्ति होगी कुर्क
कोर्ट द्वारा देय तिथि के अंदर अगर उपद्रवी द्वारा नुकसान की भरपाई नहीं की जाती है। तो आरोपी की संपत्ति कुर्क कर नुकसान की भरपाई की जाएगी।
लोक एवं निजी संपत्ति क्षति विधयेक
सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए उत्तराखंड गृह विभाग द्वारा लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक तैयार कर लिया गया है। आपको बतादें कि उत्तरप्रदेश सरकार ने इस प्रकार का विधेयक 2020 में ही तैयार कर लिया था। अब उत्तराखंड सरकार योगी आदित्यनाथ के इस फार्मूले पर काम कर रही है। ताकि उत्तराखंड की निजी और सरकारी संपत्तियों को उपद्रवियों से बचाया जा सके।
विरोध प्रदर्शन, हड़ताल या विवाद के दौरान नुकसान
आपको बतादें कि कई बार भीड़ में कुछ उपद्रवियों द्वारा विरोध प्रदर्शन, दंगा, हड़ताल या अन्य के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ कर दी जाती हैं। जिससे काफी नुकसान होता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए अब सरकार वसूली करेगी। इसके लिए एक स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। जिसमें घटना के दौरान हुए नुकसान के लिए अपील की जा सकेगी। जिसके बाद ट्रिब्यूनल द्वारा संबंधित पक्षों के बयान के साथ ही विभिन्न पक्षों से पूछताछ कर नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित को आदेश किया जाएगा।
1 माह के अंदर करनी होगी भरपाई, नहीं तो जेल
किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित पक्ष, विभाग को तीन माह के अंदर आवेदन करना होगा। जिसकी सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल द्वारा एक माह के अंदर आरोपी को नुकसान के भरपाई की राशि जमा करने के लिए आदेश देगी। जिसकी समय सीमा भी एक माह तक रह सकती है। अगर तय अवधि में नुकसान की भरपाई नहीं होती है। तो आरोपी को जेल भी भेजा जा सकता है। क्योंकि इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के बराबर शक्तियां रहेंगी। जिसका इस्तेमाल वह आरोपी को जेल भेजने तक के लिए कर सकती है।
मौत पर 5 लाख तक का बीमा
इस कानून के अंतर्गत संपत्ति के साथ ही किसी भी प्रकार के शारीरिक नुकसान की भरपाई भी शामिल होगी। जिसमें किसी की मौत होने पर 5 लाख रुपए तक की भरपाई का प्रावधान रहेगा। इसके अलावा शरीर को कोई नुकसान होता है। तो उसकी भरपाई भी ट्रिब्यूनल द्वारा पीड़ित पक्ष के नुकसान अनुसार करवाई जाएगी।
बजट सत्र में लाया जा रहा कानून विधेयक
आपको बतादें कि सरकारी और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की वसूली के लिएतैयार किए गए इस विधेयक को बजट सत्र में पेश किया जा रहा है। पुष्कर सिंह धामी इस विधेयक को पेश कर रहे हैं। बजट सत्र 26 फरवरी से शुरू हो चुका है। जिसमें प्रश्नकाल में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सवालों का जवाब देंगे।