सार
ये कोई अडानी-अंबानी जैसी कोई बिजनेसमैन नहीं हैं! ये हैं कभी झारखंड की तेजतर्रार IAS मानी जाने वालीं पूजा सिंघल। कुछ महीने पहले तक झारखंड में इनका जलवा था। लेकिन मनरेगा घोटाले के बाद इनकी मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं।
रांची. ये कोई अडानी-अंबानी जैसी कोई बिजनेसमैन नहीं हैं! ये हैं कभी झारखंड की तेजतर्रार IAS मानी जाने वालीं पूजा सिंघल। कुछ महीने पहले तक झारखंड में इनका जलवा था। लेकिन मनरेगा घोटाले के बाद इनकी मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय(ED) की जांच मे इनके पास इतना पैसा और प्रॉपर्टी मिली है, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं कर सकता। अब इनकी प्रॉपर्टी जब्त होने लगी हैं।
झारखंड की निलंबित IAS पूजा सिंघल और मनरेगा घोटाला
एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पल्स हॉस्पिटल और पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ रुपए की प्रापर्टी को स्थायी तौर पर अटैच करने का आदेश दिया है। जबकि ईडी इस प्रॉपर्टी को पहले ही अस्थायी तौर पर अटैच कर चुका है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने यह आदेश पारित किया।
यही नहीं, अथॉरिटी ने पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के ठिकानों पर मनरेगा घोटाले में मारे गए छापे के दौरान जब्त 17.79 करोड़ नकद और 1.18 करोड़ रुपए कीमत की गाड़ियां भी जब्त करने के फैसला सुनाया है। ईडी बाजिव कारण पेश करके इन्हें अपने कब्जे में ले सकता है। पूजा सिंघल के पास अब एक ही विकल्प है कि वे इस फैसले के खिलाफ ट्रिब्यूनल में जा सकती हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी कोर्ट ने एक दिसंबर, 2020 को पल्स हॉस्पिटल सहित जमीन-भवन आदि को अस्थायी तौर पर जब्त करने का आदेश सुनाया था। एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने 10 मई को यह अपना फैसला सुनाया है।
हेल्थ केयर में इनवेस्ट किया पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा ने
ईडी की जांच में पता चला कि संजीवनी हेल्थ केयर में 90 प्रतिशत हिस्सा पूजा सिंघल के परिवार के पास था। उनके दूसरे पति अभिषेक झा ने भी हेल्थ केयर में 36 लाख रुपए निवेश किए थे।
5 मई, 2022 को पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने छापेमारी की थी। जिसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल और सीए सुमन सिंह को गिरफ्तार किया था।
मनरेगा घोटाले की आरोपी चर्चित निलंबित IAS पूजा सिंघल फिलहाल 25 सितंबर तक जेल में ही रहेंगी। पूजा सिंघल की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अगली सुनवाई 25 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की बेंच ने यह आदेश पारित किया था।
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