सार
मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए आज बड़ी खबर आई है। शिवराज कैबिनेट ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ को मंजूरी दे दी है। योजना के मुताबिक युवाओं को काम सिखाया जाएगा ओर उसके बदले उन्हें गवर्नमेंट की तरफ से स्टाइपेंड मिलेगा।
भोपाल। मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए आज बड़ी खबर आई है। शिवराज कैबिनेट ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ को मंजूरी दे दी है। योजना के मुताबिक युवाओं को काम सिखाया जाएगा ओर उसके बदले उन्हें गवर्नमेंट की तरफ से स्टाइपेंड मिलेगा। आईटीआई, 12वीं पास, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके युवा इसका लाभ उठा सकते हैं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि 7 जून से योजना की शुरुआत होगी। योजना के तहत 700 कार्यों को मंजूरी दी गई है। उमें इंजीनियरिंग, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, होटल मैनेजमेंट, मैनेजमेंट, रेलवे, टूरिज्म एंड ट्रैवल, आईटीआई, सॉफ्टवेयर, बीमा, बैंकिग, सीएम, लेखा और अन्य काम के गुर सिखाए जाएंगे।
बेरोजगारी भत्ता देना गलत
उन्होंने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने से उनके हुनर का विकास नहीं होता है। यह गलत है, उसकी जगह उन्हें यदि काम सिखाया जाए और उसके बदले भुगता किया जाए तो स्थायी रोजगार की व्यवस्था हो सकती है।
क्या हैं पात्रता की शर्तें
सरकार की तरफ से ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ के तहत 1 लाख बेरोजगारों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यदि बेरोजगारों की संख्या इससे भी ज्यादा होती है तो भी उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा। योजना में शामिल होने के लिए बेरोजगार युवाओं को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और शैक्षिक योग्यता सहित अन्य जानकारियां पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी। उन्हें मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए। उम्र की सीमा 18 से 29 साल के बीच रखी गई है। कम से कम 12 वीं या आईटीआई पास होना चाहिए।
किसे मिलेंगे कितने पैसे
- 12वीं या उससे कम पढ़े-लिखे बेरोजगार को आठ हजार रुपये प्रतिमाह।
- आईटीआई पास को आठ हजार 500 रुपये।
- डिप्लोमा धारक को 9 हजार रुपये।
- डिग्री या उससे अधिक एजूकेशन वाले को 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
- काम सीखने के बाद वहीं पा सकेंगे रोजगार।
- स्वरोजगार में भी मिलेगी मदद।