सार

ट्रेन में सफर के दौरान एक शख्स की गहरी नींद उस पर भारी पड़ गई जब वह गलत कोच में जाकर सो गया। टीटी ने उसे महिला कोच में सोते हुए पकड़ा और जुर्माना वसूल किया। रेलवे ने बिना टिकट यात्रा और गलत कोच में सफर करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।

ग्वालियरः बिना टिकट के ट्रेन  में सफर करना अपराध है. टिकट होने के बावजूद गलत जगह बैठकर यात्रा करना भी अपराध है. ऐसा ही कुछ एक शख्स के साथ हुआ. उसने जैसे-तैसे टिकट तो ले लिया, लेकिन टिकट मिलते ही उसे इतनी तेज नींद आई कि रात हो गई पता ही नहीं चला. अब नींद तो पूरी करनी थी, तो वह खाली सीट की तलाश में निकल पड़ा. आखिरकार उसे एक जगह सीट मिल ही गई. खुशी-खुशी वह उस सीट पर लेट गया और सो गया. 

यह तो उसके लिए सुखद अंत था, लेकिन टीटी के आने पर कहानी में नया मोड़ आ गया. गहरी नींद में सो रहे शख्स को टीटी ने जगाया तो उसने टिकट दिखाकर सोने की कोशिश की. लेकिन टीटी नहीं माना. उसने जुर्माना लगाने की बात कही. शख्स का कहना था कि जब उसके पास टिकट है तो जुर्माना क्यों? टीटी ने कहा, "थोड़ा अपने आस-पास तो देखो." बस फिर क्या था, शख्स के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. अंधेरे में उसे यह पता ही नहीं चला कि वह किस कोच में आकर बैठ गया है. नींद में वह महिला कोच में घुस गया था और सीट दिखते ही वहीं सो गया.

 

रात का समय था, महिला कोच का बोर्ड दिखाई नहीं दिया. उसने टीटी से गुहार लगानी शुरू कर दी कि उसे छोड़ दें, गलती हो गई. लेकिन टीटी ने जुर्माना वसूल किया और फिर उसे छोड़ा. यह घटना उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के ग्वालियर स्टेशन की है. 

ग्वालियर स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने वालों और गलत कोच में बैठकर सफर करने वालों की संख्या बढ़ गई है. इसे देखते हुए रेलवे ने सख्त कदम उठाए हैं. हर यात्री के टिकट की जांच अनिवार्य कर दी गई है. इस अभियान के तहत, बिना टिकट यात्रा करने वालों, बिना अनुमति के सामान ले जाने वालों और ट्रेन को गंदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऐसे यात्रियों पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है. 

विशेष अभियान में कुल 127 यात्री बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए. इन यात्रियों से कुल 72,345 रुपये का जुर्माना वसूला गया. अभियान के दौरान महिला कोच की भी जांच की गई. इस दौरान यह शख्स महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर सोता हुआ पाया गया. उसने सफाई दी कि पूरी रात उसे ठीक से नींद नहीं आई. टिकट मिलने के बाद उसे कोई सीट खाली नहीं मिली. यह कोच खाली दिखा तो वह यहाँ आकर सो गया. लेकिन टीटी ने उसकी एक न सुनी और जुर्माना लगा दिया. 

 

महिला कोच की विशेषता : अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने महिलाओं के लिए अलग से कोच की व्यवस्था की है. इस कोच में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है. अगर कोई भी पुरुष इस कोच में पाया जाता है तो उस पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है. पुरुष यात्री पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर वह जुर्माना नहीं भरता है तो उसे 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है.