सार
टिकट के पैसे न होने के कारण एक व्यक्ति ने ट्रेन के नीचे बैठकर 250 किमी का सफर तय किया। यह खौफनाक घटना 24 दिसंबर को हुई।
जबलपुर: टिकट के पैसे न होने के कारण एक व्यक्ति ने ट्रेन के नीचे बैठकर 250 किमी का सफर तय किया। यह खौफनाक घटना 24 दिसंबर को हुई। इटारसी से जबलपुर आ रही दानापुर एक्सप्रेस की जाँच के दौरान रेलवे कर्मचारियों को एक युवक बोगी के नीचे दो पहियों के बीच बैठा दिखाई दिया।
सुरक्षा की दृष्टि से तुरंत ट्रेन रोकने का निर्देश चालक को दिया गया। पूछताछ में युवक ने बताया कि पैसे न होने के कारण उसने यह जोखिम भरा कदम उठाया। बताया जा रहा है कि युवक मानसिक रूप से बीमार है और उसकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। 250 किमी तक ट्रेन के नीचे बैठकर सफर करना हैरान करने वाला है।
आज से 11 इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी: दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलुरु मंडल में ब्रॉडगेज पटरियों का 100% विद्युतीकरण पूरा हो गया है। लंबित हासन, चिक्कबल्लापुर मार्ग पर भी काम पूरा होने के बाद अब तक डीजल से चलने वाली 11 ट्रेनें (डीईएमयू) शुक्रवार (27 दिसंबर) से इलेक्ट्रिक ट्रेनों (एमईएमयू) के रूप में चलेंगी। बेंगलुरु मंडल में 1138 किमी लंबी पटरियाँ हैं, जिनमें से 971 किमी कर्नाटक में, 173 किमी तमिलनाडु में और 172 किमी आंध्र प्रदेश में हैं।
पिछले साल हासन के हिरिसावे मार्ग पर 110 किमी के खंड में 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से प्रायोगिक संचालन सफल रहा था, जिससे बेंगलुरु मंडल 100% विद्युतीकरण से जुड़ गया था। लेकिन, चिक्कबल्लापुर-कोलार मार्ग पर चिंतामणि के पास ट्रैक्शन सबस्टेशन (टीएसएस) यानी पटरियों को बिजली आपूर्ति करने का काम बाकी था। फरवरी तक काम पूरा करके इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू करना था। लेकिन, देरी से अब बेंगलुरु से कोलार और हासन तक एमईएमयू ट्रेनें चलेंगी।
डीजल ट्रेनें ज़रूरी: बेंगलुरु मंडल में विद्युतीकरण पूरा होने के बावजूद कुछ जगहों पर डीईएमयू ट्रेनें चलना ज़रूरी है। खासकर हुबली, शिवमोग्गा की ओर डीजल ट्रेनें चलानी होंगी। शिवमोग्गा से आगे विद्युतीकरण का काम बाकी है। इसी तरह, बेंगलुरु से पंढरपुर जाने वाली गोलगुंबज एक्सप्रेस हुबली तक एसी ट्रैक्शन से चलेगी और उसके बाद डीजल इंजन से। बागलकोट की ओर भी कुछ काम बाकी है। गोवा की ओर भी विद्युतीकरण नहीं हुआ है, इसलिए वहाँ डीजल ट्रेनें चलेंगी। चंडीगढ़ जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस लोको पायलट की समस्या के कारण डीजल इंजन से चलेगी। लेकिन, बेंगलुरु मंडल में अब पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने के लिए तैयार है।