सार
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार अब तीन दिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में लगेगा।आज से लेकर 7 अगस्त तक धीरेंद्र शास्त्री की कथा छिंदवाड़ा के सिमरिया हनुमान मंदिर प्रांगण में आयोजित होगी
छिंदवाड़ा. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिला यानि छिंदवाड़ा में हर तरफ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के स्वागत के पोस्टर-बैनर लगे हैं। स्वागत में खुद कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ की फोटोज हैं। दरअसल, आज यानि 5 अगस्त से कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आगाज हो गया है। शनिवार को कथा का पहला दिन था।
कमलनाथ ने उतारी धीरेंद्र शास्त्री की आरती, शेयर किया स्वागत का वीडियो
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आज हेलिकॉप्टर से छिंदवाड़ा पहुंचे। बागेश्वर सरकार का यह वीडियो कमलनाथ ने खुद शेयर किया है। जिसमें स्थानीय सांसद और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ हवाई पट्टी पर धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को तिलक लगाकर और पैर छूकर अपने शहर में स्वागत किया। इसके बाद वे यहां से धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर ले गए। एयर स्ट्रिप से धीरेंद्र शास्त्री सीधे कमलनाथ के शिकारपुर स्थित आवास पहुंचे। यहां पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने उनकी आरती की।
कमलनाथ ने खुद की है कथा की तैयारी
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री की यह भगवत कथा छिंदवाड़ा के सिमरिया मंदिर के पास हो रही है। कथा की तैयारी मारुति नंदन सेवा समिति के संयोजक आनंद बख्शी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने खुद की है। इस कथा में कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ 100 से ज्यादा लोग रहेंगे। इनके ठहरने की व्यवस्था समिति ने शहनाई लॉन में की गई है। कथा में कई कांग्रेसी नेता सिमारिया पहुंचेंगे। जिसमें कुछ नेता दूसरे राज्यों से भी आ सकते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री की कथा के लिए 25 एकड़ जमीन किराए पर ली
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री की यह कथा सिमरिया मंदिर के पीछे 5 से 7 अगस्त तक कथा होगी। तीन दिन तक चलने वाली इस भगवत कथा का समय शाम 4 बजे से 7 बजे तक का रखा गया है। आयोजन के लिए किसानों से 25 एकड़ जमीन दो महीने के लिए किराए पर ली गई है। बताया जाता है कि इस जमीन का किराया प्रति एकड़ 18 हजार रुपए किराया दिया गया है। समीति यहां ठहरने से लेकर खान-पान की व्यवस्था करने में जुटी हुई है। ताकि बाहर से कथा सुनने आने वाले भक्तों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।