सार
मध्य प्रदेश के सागर जिला में दीवार गिरने से जुड़े मामले में एक नई बात निकलकर सामने आ रही है। इस पर स्थानीय लोगों के द्वारा दिवार गिरने के पीछे एक नया दावा कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश न्यूज। मध्य प्रदेश के सागर जिले में बीते रविवार को दीवार गिर जाने की वजह से 9 बच्चों की मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि दुर्घटना तेज साउंड में गाना बजाने से हुआ है। उन्होंने बताया जब घटना घटी तब 8 से 15 साल की उम्र के बच्चे बगल के हरदौल बाबा मंदिर में एक धार्मिक समारोह के दौरान एक टूटे-फूटे घर की दीवार के पास बैठे थे। उसी वक्त सुबह करीब 9 बजे के आस-पास मंदिर में डीजे सेट-अप पर तेज साउंड में गाने बज रहे थे। तभी दीवार ताश के पत्तों की तरह मासूमों पर गिर गई।
मामले पर स्थानीय पार्षद राजा यादव ने कहा-"दीवार पहले से ही पुरानी थी और लगातार बारिश से कमजोर हो गई थी। तेज डीजे संगीत के कारण कंपन हुआ जिससे दीवार गिर गई।" सागर हादसे पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के आदेश पर स्थानीय अधिकारियों पर कार्रवाई की गई, जिसमें जिला कलेक्टर दीपक आर्य और पुलिस प्रमुख अभिषेक तिवारी सहित अन्य को हटा दिया गया। साथ ही शाहपुर नगर पालिका के दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया। वहीं पुलिस ने घर के मालिक मुलू कुशवाह और धार्मिक समारोह के आयोजकों शिव पटेल और संजीव पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
जानें ENT स्पेशलिस्ट ने तेज साउंड को लेकर क्या कहा?
मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि संगीत बहुत तेज था और इसकी वजह से जर्जर दीवार गिर गई। वहीं इस थ्योरी पर ENT स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं-"तेज साउंड के कारण पैदा होने वाले कंपन से नम दीवारें और कमजोर हो सकती है। ऐसे स्थिति में गिरना स्वाभाविक है। अगर साउंड 145 डेसिबल से ज्यादा होने के स्थिति में तीव्र कंपन पैदा होता है। अगर एक औसत व्यक्ति पांच मिनट से अधिक समय तक 55 डेसीबल से अधिक साउंड सुनता है तो उसके कानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वो बहरा भी हो सकता है।"
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