सार
सम्राट विक्रमादित्य की गाथा ने 13 अप्रैल को नई दिल्ली में धूम मचा दी। उनके पराक्रम की कहानी ने एक तरफ युवाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया, तो दूसरी तरफ उन्हें जीवन जीने की प्रेरणा भी दी।
Samrat Vikramaditya Mahanatya: सम्राट विक्रमादित्य की गाथा ने 13 अप्रैल को नई दिल्ली में धूम मचा दी। उनके पराक्रम की कहानी ने एक तरफ युवाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया, तो दूसरी तरफ उन्हें जीवन जीने की प्रेरणा भी दी। इसके साथ-साथ दर्शक 'गोरी मारे मार गयो....., ढोल जगीरों दा.., भांगड़ा सहित कई सांस्कृतिक नृत्यों पर दर्शक झूम उठे। मौका था लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन के दूसरे दिन का। इस महानाट्य का मंचन 14 अप्रैल को भी किया जाएगा।
महामंचन के दौरान केन्द्रीय मंत्री एवं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। महानाट्य के मंचन से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यहां लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। दूसरी ओर, लोगों ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए फूड स्टॉल्स में एमपी के व्यंजनों का भी जमकर लुत्फ उठाया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य 'विरासत से विकास की ओर' को चरितार्थ कर रही है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा का आशीर्वाद हमें मिल रहा है। वे जबलपुर के जमाई हैं। उनका मध्यप्रदेश से खास नाता है।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आततायियों ने देश की स्वतंत्रता का हनन करने की कोशिश की। उन्होंने कई प्रकार के अत्याचार किए। हमारी सनातन संस्कृति पर आक्रमण किए। लेकिन, भारत के वीर सपूतों ने हर काल में कुचक्र रचने वाले लोगों को न केवल धराशायी किया, बल्कि, सुशासन की मिसाल पेश की। कहते हैं कि राजा श्रीराम के बाद राजा विक्रमादित्य के शासनकाल ने सुशासन के उदाहरण दुनिया के सामने पेश किए। सम्राट विक्रमादित्य ने बताया कि शासन कैसे होता है। एक राजा होने के बाद भी उनकी विनम्रता देखने और प्रेरणा लेने लायक है।
एमपी के मजेदार व्यंजनों का लुत्फ
सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन के दौरान माधवदास पार्क में फूड कोर्ट भी लगाया गया है। यह फूड कोर्ट मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने लगाया है। लोगों ने फूड कोर्ट में प्रदेश के विभिन्न अंचलों के पकवान- बघेलखंडी निमोना, मालवा की कॉर्न पेटिस और भुट्टे की कीस, इंदौरी पोहा और विंध्य की इंद्रहार-कढ़ी-भात का जमकर लुत्फ उठाया।
दर्शकों ने प्रदेश के विशिष्ट पेय जैसे सन्नाटा, नींबू पुदीना, आम पना, सब्जा शिकंजी, गुलाब लस्सी, कुल्हड़ चाय, प्रसिद्ध मिष्ठान जैसे मावा बाटी, जलेबी और श्रीअन्न व्यंजन जैसे कोदो भात, कुटकी गुड खीर और सवां खीर का भी आनंद उठाया।
कल भी होगा महानाट्य का महामंचन
सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन 13 अप्रैल के साथ-साथ 14 अप्रैल को भी होगा। बता दें, मध्यप्रदेश शासन ‘विक्रमोत्सव 2025’ का आयोजन कर रहा है। इसी के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। प्रदेश सरकार अतीत के गौरवशाली नायकों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को जनता के सामने लाने की कोशिश कर रही है। विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य का शासन काल भारतीय साहित्य, ज्योतिष, आयुर्वेद, गणित और चिकित्सा विज्ञान का स्वर्णिम युग रहा है।