सार

महाराष्ट्र के नांदेड़ में सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के अंदर 31 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में अधिकतर तो बच्चे शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मरीजों की मौत दवाओं की कमी की वजह से हुई है। घटना नांदेड़ के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है।

 

नांदेड़. इस समय महाराष्ट्र के नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में मातम पसरा हुआ है। हर एक कोने से मौत की चीखें दे रही हैं। 24 घंटे में 31 लोगों की मौत हो चुकी है। किसी के बेटे की जान चली गई तो किसी के भाई ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि इतनी संख्या में हुईं मौत दवाओं की कमी से हुई हैं। वहीं अब इस मामले सियासत भी तेज हो गई है। एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा है।

कई नवजात बच्चों ने तोड़ा दम

दरअसल, यह दुखद घटना नांदेड़ जिले के शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल की है। जहां बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मरने वालों में 12 से 15 नवजात बच्चे शामिल हैं। वहीं कुछ बुजुर्ग मरीज भी हैं जांच में सामने आया है कि मौतों का कारण दवाओं और स्टाफ की संख्या में कमी बताया जा रहा है।

अस्पताल के डीन ने मौतों के पीछे की वजह बताई

इस पूरे मामले में जब मीडिया ने अस्पताल के डीन से बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में दूर-दूर से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। 70 से 80 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र सरकारी अस्पताल हैं। इसलिए यहां ज्यादा मरीज हो जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ गई। मरीजों की संख्या के हिसाब से हमारे पास स्टाफ कम है। इसके बाद भी प्रशासन यहां के कर्मचारियों का लगातार तबादला कर रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहा है। मरीजों को समय पर दवा नहीं मिलने से उनकी जान जा रही है।

31 मौतों पर तेज हुई सियासत

इस घटना के बाद महराष्ट्र की सरकार और बीजेपी पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा है। यहां तक की राहुल गांधी ने भी इस घटना का जिम्मेदार राज्य सरकार की अनदेखी बताया है। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी तगड़ हमला किया है। राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।अस्पताल में दवाई उपलब्ध नहीं है और कई मरीज गंभीर हैं। शर्म की बात है कि सरकार मरीजों के लिए दवा मुहैया नहीं करा पा रही है। वहीं प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।