सार
पुणे सिटी पुलिस की क्राइम ब्रांच और आर्मी की साउथ कमांड पुणे के मिलिट्री इन्टेलिजेंस (MI) ने एक ऐसे शख्स को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है, जो कई युवाओं को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठग चुका था। आरोपी बहुत चलाक है। उसने हाल में चौथी शादी की थी।
पुणे. पुणे सिटी पुलिस की क्राइम ब्रांच और आर्मी की साउथ कमांड पुणे के मिलिट्री इन्टेलिजेंस (MI) ने एक ऐसे शख्स को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है, जो कई युवाओं को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठग चुका था। आरोपी बहुत चलाक है। उसने हाल में चौथी शादी की थी। एक बड़े ऑपरेशन में फेक आर्मी रिक्रूटमेंट मॉड्यूल के मास्टरमाइंड को 20-21 जून की रात के दौरान गिरफ्तार किया गया था। आरोपी खुद को सेना का आफिसर बताता था। माना जा रहा है कि उसने 13 से अधिक युवाओं को सेना में भर्ती का प्रलोभन दिया।
पुणे में फेक आर्मी रिक्रूटमें माड्यूल का मास्टरमाइंड अरेस्ट
पुणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल 2 के अनुसार, आरोपी फर्जी कॉल-अप लेटर और आइडेंटिटी कार्ड्स उपलब्ध कराने में शामिल था। एक स्पेसिफिक इनपुट क बाद रैकेट के मास्टरमाइंड प्रमोद भीमराव यादव (27) को पकड़ा गया। आरोपी सांगली जिले के जाट तालुका के अमृतवाड़ी गांव का निवासी है।
फेक आर्मी रिक्रूटमेंट: सेना में भर्ती से पहले पड़ताल करें
सटीक तकनीकी खुफिया जानकारी से लैस क्राइम ब्रांच ने यादव को जाट सांगली में उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि प्रमोद यादव ने एक महिला से लगभग 16 लाख रुपये की ठगी की थी। वहीं, भारतीय सेना में भर्ती कराने का झूठा भरोसा दिलाकर इच्छुक उम्मीदवारों से 90,000 रुपये से लेकर 4.5 लाख रुपये तक ठग लिए।
फेक जॉब रिक्रूटमेंट: लव सेक्स और धोखा
इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि आरोपी प्रमोद यादव बेहद चालाक है। उसने मई में चौथी बार शादी की है। आरोपी खुद भी सेना में जाने का ख्वाब देखता था। उसके पिता एक पूर्व सैनिक हैं। हालांकि सेना में नहीं जा सका। उसने अपने परिवार तक को भ्रम में रखा कि उसका सेना में सिलेक्शन नहीं हुआ है। उसके परिजन यही समझते थे कि वो सेना में सिलेक्ट हो चुका है।
आरोपी प्रमोद यादव के खिलाफ कोंढवा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपील की है कि अगर आरोपी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है, तो वे पुलिस से संपर्क करें।
आरोपी को पकड़ने में ACP (अपराध) रामनाथ पोकले, डिप्टी कमिश्नर (अपराध) अमोल ज़ेंडे, एसीपी (अपराध -2) सतीश गोवेकर के अलावा इंसपेक्टर प्रताप मानकर, एपीआई चांगदेव सजगाने, सब इंस्पेक्टर श्रीकांत चव्हाण, मोहनदास जाधव और पुलिसकर्मी विजय गुरव, विनोद सालुंके, संग्राम शिंगारे, ईश्वर अंधाले की टीम सक्रिय रही।
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